गुवाहाटी,पूर्वोत्तर राज्य असम में वोटिंग के बाद ईवीएम मशीन को भाजपा नेता की कार में ले जाने पर हिंसा भड़क गई। करीमगंज जिले के रत्नारी विधानसभा क्षेत्र में गुरुवार को मतदान था और वोटिंग के बाद पोलिंग टीम को लेकर चुनाव आयोग की गाड़ी से जा रही थी। इस बीच उनकी कार खराब हो जाने के चलते टीम ने पास से गुजर रही एक कार में लिफ्ट ले ली थी। यह कार करीमगंज जिले की ही पाथरकंडी विधानसभा सीट के भाजपा उम्मीदवार से जुड़ी हुई थी। इस पर एक जगह भीड़ ने कार पर हमला कर दिया और तोड़फोड़ मचा दी। सूत्रों के मुताबिक इस मामले में पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ ईवीएम ले जा रही कार पर हमला करने के आरोप में केस दर्ज कर लिया है। फिलहाल पूरे मामले की जांच की जा रही है। सूत्रों के अनुसार इस हमले के दौरान पोलिंग पार्टी ईवीएम को बचाने में कामयाब रही है और उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।
हालांकि इस मुद्दे पर राजनीति भी तेज हो गई है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर चुनाव आयोग से निजी कार में ईवीएम ले जाने पर एक्शन लेने की मांग की है। प्रियंका गांधी ने कई ट्वीट कर भाजपा पर इसे लेकर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा, ‘हर बार चुनाव के दौरान वीडिया आते हैं, जिनमें निजी वाहर ईवीएम ले जाते दिखते हैं। इनमें एक चीज कॉमन होती है कि वे वाहन भाजपा के उम्मीदवार या फिर उनके सहयोगियों के होते हैं।’ प्रियंका गांधी ने कहा कि भाजपा अकसर अपनी मीडिया मशीनरी का इस्तेमाल करते हुए ऐसे वीडियोज पर सवाल उठाने वाले लोगों को ही हारा हुआ घोषित करने का प्रयास करती है। प्रियंका गांधी ने कहा कि सच्चाई यह है कि ऐसे मामले बहुत ज्यादा देखने को मिलते हैं, लेकिन उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जाता है।
प्रियंका बोलीं- अब ईवीएम के इस्तेमाल पर सोचने का वक्त है इसके साथ ही प्रियंका गांधी ने कहा कि अब देश भर की तमाम राष्ट्रीय पार्टियों को ईवीएम के इस्तेमाल पर सोचना चाहिए। असम में गुरुवार को 39 सीटों पर दूसरे चरण का मतदान हुआ था। रिकॉर्ड 77 फीसदी वोटिंग के साथ मतदाताओं ने चुनाव में जबरदस्त उत्साह दिखाया है। हालांकि इस दौरान कई स्थानों पर हिंसा की भी कुछ घटनाएं दर्ज की गईं।
अचानक कार खराब होने पर ली थी लिफ्ट, छिड़ गया विवाद दरअसल करीमगंज जिले की रत्नारी विधानसभा सीट पर वोटिंग के बाद जब पोलिंग टीम ईवीएम लेकर जा रही थी तो कार खराब हो गई। पोलिंग टीम स्ट्रॉन्ग रूम की ओर जा रही थी। कार खराब होने पर टीम की ओर से चुनाव आयोग से दूसरी गाड़ी की मांग की गई। पोलिंग अफसरों की ओर से दूसरी गाड़ी की व्यवस्था की बात कही गई थी, लेकिन तब तक उन्होंने बीजेपी नेता से जुड़ी एक कार से लिफ्ट ले ली थी।