भोपाल, उच्च शिक्षा विभाग इसी साल से प्रदेशभर के 180 कॉलेजों को अपग्रेड करेगा। हालांकि यह प्रक्रिया अगले तीन साल तक चलेगी, लेकिन कॉलेजों की खामियां दूर कर उन्हें मॉडल कॉलेज के तौर पर विकसित किया जाएगा।
इन सभी कॉलेजों में बहुआयामी संकाय शुरू किए जाएंगे। उसी के तहत कॉलेजों से वर्तमान कोर्स, छात्र संख्या, क्लास रूम और सीटों संबंधी जानकारी मांगी जा रही है। जिन कॉलेजों में कॉमर्स संकाय के कोर्स चल रहे हैं, वहां आट्र्स और साइंस के कोर्स शुरू किए जाएंगे। फिलहाल यूजी स्तर पर शुरुआत होगी। तीन साल के भीतर पीजी कोर्स में भी यह लागू होगा।
एमबीए भी शुरू हो सकेगा
जिन कॉलेज में अभी सिर्फ बीएससी-एमएससी जैसे साइंस संकाय के कोर्स ही चलते हैं, आगे वहां एमबीए कोर्स शुरू होगा। एमसीए को भी स्वीकृति मिलेगी। भविष्य में बीकॉम, बीए और एमकॉम- एमए जैसे कोर्स भी शुरू हो सकेंगे। वहीं जिस कॉलेज में अभी बीकॉम, बीए, एमकॉम और एमए के एमबीए भी चल रहा है। यहां बीएससी और एमएससी उसके तमाम स्पेशलाइजेशन वाले कोर्स शुरू हो सकेंगे।
फैकल्टी की जल्द होंगी नियुक्तियां
खास बात यह कि शासन ने नई एजुकेशन पॉलिसी लागू करने की तैयारी कर ली है। इसके लिए बैठकों का दौर भी शुरू हो गया है। जल्द ही शासन की तरफ से होलकर सहित अन्य साइंस कॉलेजों में कॉमर्स फैकल्टी तथा आट्र्स एंड कॉमर्स कॉलेजों में साइंस फैकल्टी की नियुक्ति की कवायद भी शुरू कर दी है। इसके तहत सारे विषय की फैकल्टी की लिस्ट अपडेट की जा रही है।
कॉलेजों को स्थायी प्राचार्य भी मिलेंगे
अभी प्रदेश के 450 से ज्यादा कॉलेजों में स्थायी प्राचार्य नहीं हैं। अब कम से कम अपग्रेड होने सारे कॉलेजों में स्थायी प्राचार्य भेजे जाएंगे। प्रमोशन के मुद्दे भी जल्द सुलझाएं जाएंगे।
इनका कहना है
प्रदेशभर के 180 कॉलेज अपग्रेड कर रहे हैं। यहां इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के साथ जो संकाय जिस कॉलेज में नहीं हैं, उसके कोर्स शुरू कर रहे हैं। लाइब्रेरी, लैब विकसित कर रहे हैं। इन कॉलेजों में आत्मनिर्भर भारत के तहत हाईटेक कोर्स भी शुरू कर रहे हैं।
डॉ. मोहन यादव, मंत्री, उच्च शिक्षा विभाग