दमोह उपचुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस ने उतारी स्टार प्रचारकों की टीम

भोपाल, पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव के साथ ही अब मप्र की दमोह विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव का माहौल गर्माने लगा है। इस गर्म माहौल में भाजपा और कांग्रेस के बीच स्टार वार भी होने वाला है। उपचुनाव के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों तैयार हैं। दोनों दलों ने चुनाव प्रचार के लिए अपने स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। कांग्रेस अपनी सूची में 2020 में उपचुनाव हारे फूल सिंह बरैया को जगह दी है वहीं भाजपा की लिस्ट में ज्योतिरादित्य को शामिल किया गया है।
कांग्रेस ने जो लिस्ट जारी की है उन स्टार प्रचारकों में प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक, पूर्व सीएम कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, पूर्व पीसीसी चीफ कांतिलाल भूरिया, सुरेश पचौरी, अरुण यादव, राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा, राजमणि पटेल, अजय सिंह, संजय कपूर और सज्जन सिंह वर्मा को शामिल किया है। पार्टी ने 2020 के विधान सभा उपचुनाव में हारे उम्मीदवार फूल सिंह बरैया और रामसिया भारती को भी प्रचार का मौका दिया है। ये दोनों स्टार प्रचारकों की सूची में शुमार हैं। लिस्ट में कुल 30 नेताओं को जगह मिली है।
भाजपा के स्टार प्रचारक
भाजपा ने भी अपने प्रचारकों के नाम की घोषणा कर दी है। इसमें खास बात ये है कि पार्टी ने दमोह सीट के पूर्व विधायक और इस बार टिकट के दावेदार रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता जयंत मलैया को अपना स्टार प्रचारक बनाया है। उनके साथ वीडी शर्मा, सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रह्लाद पटेल, उमा भारती भी स्टार प्रचारक बनाई गयी हैं। पार्टी में नए आए ज्योतिरादित्य सिंधिया भी दमोह में प्रचार करेंगे। इनके साथ भाजपा के कई दिग्गज स्टार प्रचारकों की लिस्ट में जगह पाने में कामयाब रहे।
17 अप्रैल को है मतदान
दमोह विधानसभा सीट के लिए 17 अप्रैल को वोट डाले जाना हैं। यहां कांग्रेस के अजय टंडन का मुकाबला भाजपा के राहुल लोधी से होगा। राहुल लोधी इस सीट से कांग्रेस के सिटिंग विधायक थे। लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके साथियों की तरह ही दल बदल कर कांग्रेस से भाजपा में चले गए। इसलिए दमोह सीट खाली हो गयी थी। जयंत मलैया दमोह सीट से लगातार 6 बार भाजपा से विधायक रहे। लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस टिकट पर जीते राहुल लोधी ने मामूली अंतर से उन्हें हरा दिया था। इसकी वजह भाजपा के वरिष्ठ नेता रामकृष्ण कुसमरिया की बगावत थी जो बाकी होकर निर्दलीय खड़े हुए और मलैया के वोट कटवा दिये। इसका फायदा कांग्रेस को मिला और लोधी चुनाव जीत गए।

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