नई दिल्ली, पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया के पूर्व प्रवर्तकों को अपने पुत्र कार्ति के कारोबार में मदद करने का निर्देश दिया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपने आरोप पत्र में यह दावा किया है। आरोप पत्र में कहा गया है कि चिदंबरम का यह निर्देश मनी लॉड्रिंग के महत्वपूर्ण कदमों में था। उन्होंने अपने पुत्र के कारोबार में मदद के लिए यह निर्देश दिया था।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने दावा किया कि 75 वर्षीय कांग्रेस नेता अपने पुत्र और सांसद कार्ति चिदंबरम के साथ मनी लॉन्ड्रिंग में पूरी तरह शामिल थे। साथ ही वह उन कंपनियों के कामों में भी शामिल थे, जिनका स्वामित्व उनके पुत्र के पास था। इनमें से कुछ कंपनियों को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है।
ईडी ने दावा किया कि उसने डिजिटल उपकरणों से ऐसे ई-मेल निकाले हैं, जिनसे पता चलता है कि कार्ति पूर्व में अपने स्वामित्व वाली कंपनी एडवांटेड स्ट्रैटिजिक कंसल्टिंग लिमिटेड (एएससीपीएल) के संबंधित मामलों में अपने पिता से विचार-विमर्श करते थे। धन शोधन रोधक कानून (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत ऐसे मामलों पर गौर करने वाली विशेष अदालत ने बुधवार को ईडी के आरोप पत्र पर चिदंबरम और कार्ति सहित सभी 10 आरोपियों को समन जारी कर सात अप्रैल को पेश होने को कहा है। अदालत ने कहा कि उसके पास चिदंबरम, उनके पुत्र, कार्ति के चार्टर्ड अकाउंटेंट एस भास्कररमन, आईएनएक्स मीडिया के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पीटर मुखर्जी और आईएनएक्स मीडिया और आईएनएक्स न्यूज सहित छह कंपनियों के खिलाफ मामला चलाने के लिए पर्याप्त प्रमाण हैं। पी चिदंबरम ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि आरोपियों को समन एक नियमित प्रक्रिया है।
ED के आरोप पत्र में जिक्र, चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया के पूर्व प्रवर्तकों को कहा था कार्ति के कारोबार में मदद करो
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