सीरम इंस्टीट्यूट ने ब्राजील, मोरक्को और सऊदी अरब को वैक्सीन भेजने में जताई असमर्थता

नई दिल्ली, कोरोना से जंग में भारत की वैक्सीन डिप्लोमेसी को झटका लग सकता है। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने हाल ही में तीन देशों को पत्र लिखकर वैक्सीन उपलब्ध कराने में असमर्थता जताई है। इन देशों ने वैक्सीन की सप्लाइ के लिए कीमत भी अदा कर दी थी। ऐसे में एसआईआई की इस चिट्ठी से इन देशों के टीकाकरण अभियान में रुकावट आ सकती है। साथ ही यह भारत के वैक्सीन मैत्री अभियान के लिहाज से भी अच्छी खबर नहीं है। सीरम इंस्टिट्यूट के चीफ अदार पूनावाला ने ब्राजील, मोरक्को और सऊदी अरब को लिखे पत्र में कहा है कि पहले से खरीदे गए वैक्सीन को भेजने में अनिश्चित देरी हो सकती है। बता दें कि ब्राजील ने भारत को 20 मिलियन वैक्सीन का ऑर्डर दिया था जिसमें से उसे अब तक 4 मिलियन वैक्सीन ही मिल सकी हैं। इसी तरह मोरक्को ने भी पिछले साल अगस्त में 20 मिलियन वैक्सीन डोज का करार किया था लेकिन उसे सिर्फ 7 मिलियन वैक्सीन ही उपलब्ध हो पाई हैं। इन दोनों देशों की तरह सऊदी अरब ने भी 20 मिलियन वैक्सीन डोज का आवेदन किया था जिसमें से उसे सिर्फ 3 मिलियन डोज ही मिल पाई हैं।
ब्राजील के फियोक्रूज इंस्टिट्यूट के हेड को भेजे गए पत्र में सीरम की ओर से लिखा गया है ‎कि सीरम ने हाल ही में ऐस्ट्राजेनेका के साथ अपने मूल उप-लाइंसेस समझौते के दायरे से बाहर दूसरी सरकारों के साथ अडिशनल एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर ‎किए हैं। इन एडिशनल सप्लाइ कमिटमेंट को पूरा करने के लिए हमने मैन्युफैक्चरिंग सुविधाओं को बढ़ाने की शुरुआत भी कर दी थी लेकिन हमारी एक बिल्डिंग में आग लगने की वजह से मैन्युफैक्चरिंग आउटपुट पर असर पड़ा है। इन परिस्थितियों में आपको वैक्सीन सप्लाइ की गारंटी नहीं दी जा सकती है।’ इसी तरह का पत्र मोरक्को और सऊदी अरब के अधिकारियों को भी भेजा गया है। विडंबना यह है कि अभी तक किसी भी देश ने इस पत्र पर कोई जवाब नहीं दिया है। बता दें कि सीरम की इमारत में इसी साल जनवरी महीने में आग लगी थी। उस वक्त पूनावाला ने कहा था कि इससे वैक्सीन निर्माण में कोई कमी नहीं आएगी क्योंकि आग एक अंडर कंस्ट्रक्शन इमारत में लगी थी।
ऐसे में जिन देशों ने वैक्सीन सप्लाइ के लिए पहले ही भुगतान कर दिया है उनमें अभी तक वैक्सीन न मिलने की वजह से असंतोष बढ़ रहा है। राजनयिक सूत्रों का कहना है कि यह राजनीतिक समस्या बनती जा रही है। वैक्सीन की मांग बढ़ने के कारण ब्राजील को चीन से 4 मिलियन वैक्सीन मंगानी पड़ी थीं। ब्राजील की खुद की वैक्सीन का निर्माण मई में शुरू होने की संभावना है। इसी तरह मोरक्को ने अपनी अधिकतर आबादी को सीरम-कोविशील्ड वैक्सीन उपलब्ध कराने की योजना बनाई थी लेकिन अब सप्लाइ न मिलने के चलते उनके टीकाकरण अभियान में बाधा पहुंच रही है। सऊदी अरब भारत का करीबी रणनीतिक साझेदार है। यहां करीब 2 मिलियन भारतीय प्रवासी रहते हैं। सऊदी अरब को अबत क सिर्फ 3 मिलियन वैक्सीन ही मिल सकी हैं।

 

 

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