मुंबई, लगातार बढ़ते जा रहे कोरोना वायरस के मामलों के मद्देनजर अब ग्रेटर मुंबई नगर निगम ने आदेश दिया है कि भीड़-भाड़ वाले इलाकों में मर्जी के बिना भी किसी का भी कोविड-19 टेस्ट किया जा सकता है। आदेश के मुताबिक, मॉल, रेलवे स्टेशन, बस डिपो, बाजार, पर्यटन स्थलों और सरकारी दफ्तरों में किसी का भी रैपिड ऐंटिजन टेस्ट किया जा सकता है। यह जांच भीड़ वाले इलाकों में मौजूद लोगों की मर्जी के बिना किया जा सकता है। अगर कोई जांच कराने से मना करता है तो इसे महामारी ऐक्ट, 1897 के अंतर्गत अपराध माना जाएगा। जिन रेलवे स्टेशनों पर जांच की जाएगी उनमें छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, मुंबई सेंट्रल, दादर पश्चिमी और सेंट्रल, बांद्रा टर्मिनल, अंधेरी, बोरिवली और लोकमान्य तिलक टर्मिनस, कुर्ला शामिल हैं। मॉल में हर दिन 400 टेस्ट किए जाने का लक्ष्य है तो वहीं रेलवे स्टेशनों पर एक दिन में 1 हजार टेस्ट किए जाने हैं। मॉल में टेस्ट का खर्चा वही देंगे जिनका टेस्ट किया जा रहा है। इसके अलावा बाकी जगहों पर किए जाने वाले टेस्ट का खर्चा नगर निगम उठाएगा। इससे पहले सरकार ने आदेश दिया था कि सभी ऑडिटोरियम, थिएटर और दफ्तरों को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ ही संचालित किया जाए।
मुंबई के भीड़भाड़ वाले इलाकों में अब बिना सहमति के किया जा सकेगा कोरोना टेस्ट
