शराब के अवैध कारोबार में लगे लोगों की संप‎त्ति जब्त करेगी योगी सरकार

लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवैध शराब के कारोबार में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के ‎‎‎निर्देश ‎दिए हैं। सीएम योगी ने कहा ‎कि शराब का‎रोबा‎रियों के ‎खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए और उनकी संपत्ति को जब्त किया जाएगा। शराब मा‎फियों को लेकर सीएम योगी ने एक उच्चस्तरीय बैठक की। इस बैठक में उन्होंने कहा ‎कि अवैध शराब की बिक्री प्रदेश में रोकने के लिये आबकारी विभाग, पुलिस और जिला प्रशासन को सघन चेकिंग करनी होगी। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही स्वीकार्य नहीं है। अवैध शराब की बिक्री में संलिप्त लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत भी कारर्वाई होनी चाहिए। उनकी सम्पत्ति तक जब्त की जाए। ऐसी कारर्वाई करें जो दूसरों के लिए सबक बने। अवैध शराब की बिक्री की सूचना देने के लिए आबकारी विभाग टॉल फ्री नंबर जारी करे। यह व्यवस्था 24 घंटे जारी रहे। उन्होंने कहा कि अवैध शराब की शिकायत पर जिलाधिकारी/पुलिस कप्तान स्तर पर त्वरित कार्यवाही हो। फूट पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए। अगर कहीं अवैध शराब से जनहानि की सूचना प्राप्त हुई तो बीट के सिपाही से लेकर हल्के का दरोगा, एसएचओ और आबकारी अधिकारी सहित उच्च अधिकारियों पर भी कारर्वाई होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब बिक्री के अधिकृत प्रतिष्ठानों की भी चेकिंग की जाए। अगर निर्धारित मात्रा से अधिक मदिरा मिले तो उनके विरुद्ध भी सख्त कारर्वाई की जाए। उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण का बढ़ता प्रसार हमारे लिए चेतावनी है। कई राज्यों में स्थिति एक बार फिर खराब हो रही है। हमें “टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट” के मंत्र को आत्मसात करना होगा। कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की महत्ता को समझें। यह संक्रमण प्रसार की रोकथाम के महत्वपूर्ण माध्यम है। उन्होंने कहा ‎कि एक संक्रमण की पुष्टि पर उसके संपर्क में आए न्यूनतम 15 व्यक्तियों तक ट्रेसिंग की जाए। सभी का पहले एंटीजन टेस्ट और संदिग्ध का आरटीपीसीआर टेस्ट कराए जाएं। होली के द्दष्टिगत 23 से 27 मार्च के बीच फोकस्ड ट्रेसिंग भी कराई जाए।
योगी ने कहा कि कोविड संक्रमण से बचाव के लिए जागरूकता सबसे बड़ा हथियार है। संक्रमण के प्रसार को न्यूनतम रखने के लिए लोगों को ‘दवाई भी-कड़ाई भी’ के मंत्र की जरूरत समझाई जाए। इस कार्य में पब्लिक एड्रेस सिस्टम, बेसिक शिक्षा स्कूलों के व्हाट्सएप ग्रुप जैसे माध्यमों का प्रयोग जनजागरूकता में बेहतर हो सकता है। जिलों में इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर सतत संचालित रहें।

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