जबलपुर, हर अफरा तफरी का आलम था, हर चेहरे पर खौफ नजर आ रही था, हर इंसान परेशान था की कल क्या होगा. हर सड़क गली चौराहे पर पुलिस की गाड़ियां दौड़ रहीं थीं, सायरन गूंज रहे थे. पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी मैदान में उतरकर ऐलान कर रहे थे.. लोग अपने अपने घरों में जाएं, दुकानें फौरन बंद करें, कोई घर से बाहर नहीं निकले, शहर में कोरोना संक्रमित मिला है, शहर में लॉकडाउन लगा दिया गया है. यह बात है २० मार्च २०२० की उस सियाह रात की जब शहर में पहले कोरोना संक्रमित आने की पुष्टि हुई थी. आज ही के दिन मध्य प्रदेश का पहले कोरोना संक्रमण का मामला जबलपुर में सामने आया था. जहां विदेश से लौटे अग्रवाल परिवार के तीन लोग कोरोना संक्रमित पाए गये थे. जिसके बाद २१ मार्च की सुबह जबलपुर में सबकुछ बदल चुका था. पहली बार शहर पूरी तरह बंद था. क्या दुकानें, क्या बाजार, हालत यह थी अस्पतालों में भी मातम छाया हुआ था, कोई बीमारों की भी सुनने वाला नहीं था. जहां पूरे देश में लॉकडाउन २४ मार्च से शुरु हुआ. तो जबलपुर देश में सबसे लॉकडाउन झेलने वाले शहर में में शुमार हुआ, जहां २१ मार्च से ही लॉकडाउन लगा दिया गया. आज भी उस रात की दशहत और अफरा तफरी को शहरवासी भूल नहीं पाए हैं. आज भी कोरोना के शुरुआती दिनों को याद करके आमजन सहम जाते हैं और ईश्वर से प्रार्थना करते नजर आते हैं की ईश्वर वो दिन दोबारा ना दिखाए।
फिर शतक मार रहा कोरोना
इसे इत्तेफाक कहा जाए या विडम्बना २० मार्च २०२० से कोरोना संक्रमित मिलने की शुरुआत हुई, बड़ी मुश्किल और लम्बा लॉकडाउन झेलने के बाद किसी तरह दिसम्बर २०२० में कोरोना के मामले खत्म होना शुरु हुये. लेकिन २० मार्च २०२१ आते आते एक बार फिर कोरोना संक्रमण पैर पसारते नजर आ रहा है. कलेक्टर जबलपुर कोरोना संक्रमित हैं. मेडिकल अस्पताल के डॉक्टर्स से लेकर छा़त्राएं और प्रोसेसर्स तक कोरोना की जद में हैं. कोरोना संक्रमण के नये मामले फिर शतक छू रहे हैं. फिर एक बार अस्पतालों में कोरोना वार्ड बनाए जा रहे हैं. फिर क्वारंटीन सेंटर तैयार किये जा रहे हैं. स्थिति विस्फोटक होने पर बेड कम ना पड़े इसके प्रायवेट अस्पतालों की लिस्ट बनाई जा रही है. वर्तमान फिर भूतकाल में लौटता नजर आ रहा है।
अब तक मिले १७ हजार संक्रमित
२० मार्च २०२० से अबतक करीब ३ लाख ३२ हजार ७२० लोगों की सेम्पलिंग की जा चुकी है. करीब १७ हजार ४०० लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. वहीं कोरोना के चलते शहरर में करीब २५२ लोगों की मौत हो चुकी है।