धरती की तरफ आ रहा सबसे बड़ा क्षुद्रग्रह, उससे निकल रही रहस्यमयी रोशनी

लंदन, ब्रह्मांड़ में होने वाली खगोलीय घटनाओं से आप सभी परिचित है और अब 21 मार्च का दिन एक यादगार घटना का गवाह बनने जा रहा है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की मानें तो एक बड़ा एस्टेरॉयड पृथ्वी की तरफ काफी तेजी से बढ़ रहा है और यह 21 मार्च को काफी करीब से गुजरेगा। यह लगभग 124,000 प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरेगा। इसकी गति उससे कहीं ज्यादा है जिस गति से आने वाले क्षुद्रग्रह अकसर टकराते हैं। नासा ने कहा कि इस क्षुद्रग्रह को 2001 एफओ32 नाम दिया गया है। इसकी परिधि तीन हजार फीट है और इसे 20 साल पहले खोजा गया था। सेंटर फॉर नियर अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज के निदेशक, पॉल चोडस ने बताया कि हमारे पास सूरज के चारों ओर चक्कर लगा रहे 2001 एफओ32 के ऑर्बिटल मार्ग की बहुत सटीक जानकारी है। उन्होंने कहा कि इस बात की कोई संभावना नहीं है कि ये क्षुद्रग्रह 12.5 लाख मील के मुकाबले ज्यादा पास से पृथ्वी के पास से गुजरेगा। ये दूरी चंद्रमा से धरती की दूरी के लगभग 5.25 गुना है, लेकिन इससे किसी भी प्रकार का खतरा नहीं होगा।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी ने कहा कि उम्मीद है कि इस क्षुद्रग्रह के आकार की बेहतर समझ और इसकी संरचना के बारे में जानकारी जुटाई जा सकेगी। इस जानकारी को हासिल करने के लिए क्षुद्रग्रह की सतह से निकल रहे प्रकाश का अध्ययन किया जाएगा। नासा ने कहा कि जब सूरज की रोशनी किसी क्षुद्रग्रह की सतह से टकराती है, तो चट्टान में मौजूद खनिज वेवलैंथ को सोखते हैं और कुछ रोशनी को बाहर छोड़ते हैं। इस रोशनी का अध्ययन कर एस्ट्रोनॉमर्स क्षुद्रग्रह की सतह पर मौजूद खनिजों के रासायनिक फिंगरप्रिंट का पता लगा सकेंगे।
पॉल चाडोस ने कहा कि हम सूर्य के चारों ओर 2001 एफओ32 के कक्षीय मार्ग को जानते हैं। इसकी खेज 20 साल पहले की गई थी और तभी इसके कक्षीय मार्ग के बारे में पता लगा लिया गया था। हालांकि ऐसा कोई मौका नहीं है कि यह पृथ्वी के 12.5 करोड़ मील से अधिक नजदीक आ पाएगा। उन्होंने कहा कि अभी तक इस एस्टेरॉयड के बारे में ज्यादा लोगों को जानकारी नहीं थी लेकिन अब सब लोग इसके बारे में जान पाएंगे।

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