भोपाल, नगरीय निकाय चुनाव होंगे या नहीं, इस पर चल रहा गतिरोध 15 मार्च के पहले समाप्त होने की संभावना दिखाई दे रही है। भोपाल से जो संकेत मिल रहे हैं, उसको देखकर लग रहा है कि राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत या निगम चुनाव में से किसी एक चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कर सकता है। शहरों में जिस तरह से कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं, उसको लेकर निगम चुनाव टलते नजर आ रहे हैं। फिर भी कांग्रेस और भाजपा ने अपनी तैयारी पूरी कर रखी है।
पहले माना जा रहा था कि 3 मार्च को राज्य निर्वाचन आयोग मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन करेगा और उसी दिन पंचायत था निगम चुनाव की तैयारियों का ऐलान भी कर दिया जाएग, लेकिन अभी तक आयोग ने किसी प्रकार की घोषणा नही की है, लेकिन पिछले दिनों हुए बैठक में राज्य निर्वाचन आयुक्त बी.पी.सिंह ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को चुनावी मोड में रहने के लिए कहा है और कलेक्टरों ने भी चुनाव कराए जाने पर सहमति दर्शाई है, लेकिन जिस तरह से इंदौर और भोपाल जैसे महानगरों में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, उससे लग रहा है कि स्थानीय प्रशासन अब दोनों शहरों में सख्ती बरत सकता है और इसके लिए नाइट कफ्र्यू लगाया जा सकता है। प्रशासन ने पहले ही कोरोना गाइड लाइन का कड़ाई से पालन करने का आदेश दिया हुआ है, लेकिन जिस तरह से कोरोना को लेकर लापरवाही बरती जा रही है, उससे शहर में और मरीज बढऩे की संभावना नजर आ रही है। इसी को कारण बताते हुए नगरीय क्षेत्रों में चुनाव टाले जा सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में जरूर त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की घोषणा की जा सकती है। चूंकि अभी ग्रामीण क्षेत्रों में गेहूं की फसलें कटाई की ओर हैं और ग्रामीण अब मार्च,अप्रैल तथा मई तक फ्री रहते हैं, इसलिए माना जा रहा है कि इन चुनावों की तारीखों को लेकर 15 मार्च के पहले ऐलान किया जा सकता है।
सूत्रों का कहना है कि निर्वाचन आयोग को दोनों चुनावों में से किसी एक चुनाव करवाना अनिवार्य है, इसलिए पंचायत चुनाव करवाने की ही संभावना ज्यादा नजर आ रही है। राजनीतिक दलों ने भी उस हिसाब से गांव के कार्यकर्ताओं को अलर्ट कर दिया है। आज सरकार का प्रदेश स्तरीय एक बड़ा आयोजन होना है और अगर चुनाव की घोषणा करवाई जाती है तो मई में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं के पहले चुनाव संपन्न कराए जा सकते हैं।