भोपाल, मध्य प्रदेश में स्कूलों का नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने को लेकर असमंजस की स्थिति समाप्त हो गई है। नए सत्र की शुरुआत एक अप्रैल से होगी। यह जानकारी राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने दी है। उन्होंने बताया कि एक तारीख से पहली से आठवीं तक के स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। इंदौर और भोपाल में बढ़ रहे कोरोना केस के चलते स्कूल खोलने का फैसला क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी पर छोड़ा गया है। क्लास वन के नीचे के बच्चों को अभी इंतजार करना होगा।
उन्होंने बताया कि स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ती है तो क्लास दो पालियों में होगी। स्कूल शिक्षा मंत्री ने बताया कि बच्चों के स्कूल आने के लिए अभिभावकों की अनुमति जरूरी होगी। उन्होंने अभिभावकों के अपील की कि वह बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए खुद बच्चों को स्कूल तक पहुंचाए। स्कूल शिक्षा विभाग जल्द ही कक्षाएं शुरू करने को लेकर एक विस्तृत आदेश जारी करेगा।
ज्यादा संक्रमण वाले क्षेत्रों में अलग गाइड लाइन
मंत्री ने कहा कि जहां कोरोना का प्रभाव कम है वहां जरूरी एतहियात के साथ कक्षाएं शुरू की जाएंगी। लेकिन कोरोना प्रभावित इंदौर और भोपाल के चिन्हित इलाकों में स्कूल नहीं खोले जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पिछला सत्र बच्चों का घर में बीता है। जिससे पढ़ाई पर काफी प्रतिकूल असर पड़ा है। लेकिन अब कोरोना की वजह से स्कूलों में पढ़ाई को और बंद नहीं रखा जा सकती। परमार ने बताया कि जिन क्षेत्रों में संक्रमण ज्यादा है, वहां के स्कूलों को लेकर अलग गाइडलाइन बनाई जाएगी। जिन स्कूलों में ज्यादा बच्चे हैं, वहां दो शिफ्ट में स्कूल चलाने पर भी विचार किया जाएगा। इसको लेकर जल्द ही स्कूल संचालकों से चर्चा की जाएगी।
कक्षा एक से नीचे के स्कूल नहीं खुलेंगे
हालांकि अभी प्रदेश में कक्षा एक से नीचे के स्कूल नहीं खुलेंगे। यानी कि नर्सरी, केजी-1 और केजी-2 के बच्चों को अभी और इंतजार करना होगा। स्कूल संचालकों को अभी कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना होगा। राजधानी भोपाल में नौवीं और दसवीं के स्कूल खुले हुए हैं लेकिन संक्रमण का कोई मामला विद्यालयों में अभी सामने नहीं आया है।