काठमांडू, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारत में निर्मित कोविशील्ड वैक्सीन का पहला डोज लगवाया है। इसके साथ ही नेपाल में कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम के दूसरे चरण की भी शुरुआत की गई। इस दौरान नेपाल में 65 साल के ज्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीन की खुराक दी जाएगी। बड़ी बात यह है कि नेपाल में भारत विरोध का झंडा बुलंद करने वाले ओली ने अपने खास देश चीन की कोरोना वैक्सीन को लगवाने की जगह मेड इन इंडिया वैक्सीन को तरजीह दी है। ओली और उनकी पत्नी राधिका शाक्य ने रविवार की सुबह त्रिभुवन विश्वविद्यालय शिक्षण अस्पताल में कोविशील्ड टीका लगवाया। यह टीका ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने मिलकर विकसित किया है और भारत स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया इसका उत्पादन कर रही है।
टीका लेने के बाद ओली ने देश के वरिष्ठ नागरिकों से टीका लगवाने का आग्रह किया और कहा कि यह सुरक्षित है तथा इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है। वित्त मंत्री विष्णु पौडेल, स्वास्थ्य मंत्री हृदयेश त्रिपाठी तथा विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने भी रविवार को टीका लगवाया। नेपाल सरकार ने पिछले महीने 18 फरवरी को साइनोफार्म के तहत चीन में पेइचिंग इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स कंपनी लिमिटेड की एक कोविड-19 वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दे थी। जबकि भारत के सीरम इंस्टीट्यूट में बनी एस्ट्राजेनेका के कोविशिल्ड वैक्सीन को नेपाल ने 15 जनवरी को मंजूर किया था।
चीन ने अनुदान सहायता के तहत, नेपाल को वैक्सीन की 5 लाख खुराक देने का फैसला किया है। भारत ने नेपाल को वैक्सीन की 10 लाख निशुल्क डोज दी है। प्रधानमंत्री ओली ने कोविड-19 से बचाव के लिए टीके की दस लाख खुराकें भेजने पर भारत सरकार को धन्यवाद दिया है। नेपाल में कोरोना वायरस संक्रमण के 2,70,375 मामले आए हैं और 2020 लोगों की मौत हुई है। देश में 2,65,069 लोग संक्रमण से ठीक हो चुके हैं।
नेपाल में कोरोना वैक्सीनेशन का दूसरा चरण शुरू, पीएम ओली ने लगवाई भारत में बनी कोविशील्ड
