भोपाल, मध्य प्रदेश के बजट से पहले वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने सोमवार को विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। सरकार ने आर्थिक सर्वेक्षण में पिछले साल के मुकाबले सकल घरेलू उत्पाद में कमी का अंदेशा जताया। सरकार ने साल 2020-21 में 3.37 प्रतिशत कमी का अनुमान लगाया है। इसी तरह कोरोनाकाल में प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय प्रचलित भावों के आधार पर वर्ष 2020-21 में 98 हजार 418 रुपए रह गई है। जो वर्ष 2019-20 में 1 लाख 3 हजार 288 थी। यानी 4.71 प्रतिशत की कमी आई। इस तरह प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 4, 870 रूपए घटी। यदि स्थिर भाव से देखें तो साल 2019-20 में प्रति व्यक्ति आय 62,236 थी जो साल 2020-21 में बढ़कर 58,425 हो गई है। इस तरह प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 3,811 रूपए घटी। इसमें बीते साल के मुकाबले 6.12 फीसदी की कमी दिखाई गई। 2019 में राज्य का घाटा 18942.39 करोड रुपए था। राज्य के खनन राजस्व में 15.85 प्रतिशत कमी रही है। सरकार ने कोरोना काल में खर्च की गई राशि का भी जिक्र किया है। प्रवासी मजदूरों के लिए ट्रेन चलाने में 7 करोड रुपए खर्च हुए।
आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक मध्य प्रदेश की जीडीपी वर्ष 2020-21 में (सकल घरेलू उत्पाद) पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 की तुलना में 3.37 प्रतिशत घट गई है। सरकार को अनुमान है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में प्रदेश की जीडीपी 5 लाख 60 हजार 845 करोड़ रुपए रहेगी। 2020 की स्थिति में बेरोजगारों की संख्या 24.72 लाख हो गई। रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश की विकास दर में पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 3.9 प्रतिशत की कमी अनुमानित है।
-औद्योगिक विकास दर में 3.90 फीसदी की कमी
औद्योगिक विकास दर में 3.90 फीसदी की कमी आई है। वर्ष 2019-20 में 2.88 लाख सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों की स्थापना हुई, जिसमें 19,242 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश हुआ। राज्य के रोजगार कार्यालयों में शिक्षित बेरोजगार आवेदकों की संख्या वर्ष 2019 के अंत में 29.33 लाख थी, जो वर्ष 2020 के अंत में घटकर 23.08 लाख रह गई। 2019 में जहां 360 आवेदकों को रोजगार दिया गया था, वहीं इस साल 3,605 को रोजगार दिलाया गया। कारखानों में काम करने वालों की संख्या 6.59 लाख है। मनरेगा में 45.77 लाख परिवारों के 84.19 लाख श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया। 1.35 लाख परिवारों को सौ दिन का काम मिला।
-मांस-अंडे का उत्पादन बढ़ा
मप्र में अंडे व मांस उत्पादन के आंकड़े भी सरकार ने जारी किए हैं। प्रदेश में दुग्ध, मांस और अंडा उत्पादन में वृद्धि हो रही है। दुग्ध उत्पादन 2019-20 में 17,109 टन हो गया, जो पिछले साल की तुलना में 7.55 प्रतिशत अधिक है। वहीं, अंडा उत्पादन 2019-20 में 23,794 लाख हो गया। वर्ष 2018-19 के मुकाबले यह वृद्धि 11.02 प्रतिशत की रही। इसी तरह मांस का उत्पादन 9.34 फीसद की वृद्धि के साथ 107 हजार टन हो गया। 2.74 लाख परिवारों को 24,660 महिला स्वसहायता समूहों से जोड़ा गया। 46,207 समहों को 599 करोड़ रुपए का ऋण नवंबर 2020 तक दिलाया गया। 44,490 ग्रामीण बेरोजगार युवाओं को प्रतिशत और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए।
-श्रमिकों को वापस लाने पर सात करोड़ रुखर्च
देश में कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ा। राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान मध्य प्रदेश के जो मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे थे, उन्हें खाद्यान्न्, दवा और रहने की व्यवस्था के लिए 15.50 करोड़ रुपये से ज्यादा खातों में सीधे जमा करावाए। रेल से श्रमिकों को वापस लाने पर सात करोड़ रुपये खर्च किए। वहीं, ओला पीडि़तों को 166 करोड़, अग्नि पीडि़तों को 12.40 करोड़, राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रविधानों के तहत 770 करोड़ रुपये की सहायता दी गई। पर्यटन क्षेत्र पर कोरोना महामारी का असर पड़ा है, जिससे पर्यटन विकास निगम को नुकसान हुआ है।
-179.17 करोड़ रुपए नहीं बांटे जा सके
प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल नष्ट होने पर किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से सहायता देने के लिए 2020-21 में 799.00 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। जिसमें से 620.83 करोड़ रुपए व्यय किए जा चुके हैं। 179.17 करोड़ रुपए बांटे नहीं जा सके।
-खनिज से आय में कमी
खनिज से सरकार की आय में 27.4 प्रतिशत की कमी आई। सरकार को 2019-20 में खनिज से 1798.3 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ जबकि गत वित्तीय वर्ष में उत्पादन मूल्य 2476.58 करोड़ था। बिजली से मिलने वाले राजस्व में 14.86 प्रतिशत की वृद्धि हुई।