नई दिल्ली, आज लोग सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। अपना एजेंडा सेट करने के लिए लोग अपने हिसाब से फैसला चाहते हैं। मनचाहा फैसला नहीं आने पर जजों के खिलाफ सोशल मीडिया पर मुहिम चलाते हैं, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। देश स्वतंत्र है, यहां बोलने की आजादी है, लेकिन नया ट्रेंड शुरू किया गया है। ये बातें बिहार की राजधानी पटना में हाईकोर्ट के नए शताब्दी भवन के उद्घाटन के अवसर पर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहीं। इससे पहले उन्होंने समारोह में आए मेहमानों सहित प्रधान न्यायाधीश का स्वागत करते हुए कहा कि पटना का सांसद होने के नाते सभी का स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में 76.38 लाख केसों का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई हुई है। उन्होंने देश सहित राज्य में लंबित केसों के बारे में विस्तार से चर्चा की। कहा उन्हें आज काफी गर्व महसूस हो रहा है। आज हम जो कुछ भी हैं पटना हाईकोर्ट की बदौलत हैं। यहां आते ही भूली-बिसरी यादें ताजा हो जाती हैं। यहां कुछ ऐसे केसों में भी बहस करने का मौका मिला जो आज देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। मुख्य न्यायाधीश ने रूल ऑफ लॉ को कायम रखने पर बल दिया। कहा कि सरकार अपने दायित्वों का निर्वहन करे। न्यायपालिका भी रूल ऑफ लॉ को कायम करने के लिए संविधान के तहत अपना काम करती रहेगी।
पटना हाईकोर्ट के नए शताब्दी भवन के उद्घाटन के अवसर पर ये बातें सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबडे ने कहीं। उन्होंने हाईकोर्ट के नए शताब्दी भवन का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि मुकदमों से पहले किसी जज के साथ मध्यस्थता का इंतजाम किया जाना चाहिए। इससे अदालतों पर काम का बोझ कम होगा। न्यायपालिका में तकनीक के इस्तेमाल पर उन्होंने कहा कि इसपर पूरी तरह निर्भर नहीं रहना चाहिए। इसके कई खतरे भी हो सकते हैं। सभी वकीलों के पास अत्याधुनिक तकनीक नहीं है, इसलिए यह जरूरी हो गया है कि तकनीक की ऐसी व्यवस्था हो जिससे सबको एक समान लाभ प्राप्त हो सके। इसके लिए कार्यपालिका एवं न्यायपालिका को मिलकर काम करना होगा।
कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता, न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा, पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल, झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ. रविरंजन, बीसीआई के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा भी मौजूद रहे।