पटना, मुकदमों से पहले किसी जज के साथ मध्यस्थता का इंतजाम किया जाना चाहिए। इससे अदालतों पर काम का बोझ कम होगा। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबडे ने पटना हाईकोर्ट के नए शताब्दी भवन के उद्घाटन के अवसर पर ये बातें कहीं। उन्होंने हाईकोर्ट के नए शताब्दी भवन का उद्घाटन किया। न्यायपालिका में तकनीक के इस्तेमाल पर उन्होंने कहा कि इसपर पूरी तरह निर्भर नहीं रहना चाहिए। इसके कई खतरे भी हो सकते हैं। सभी वकीलों के पास अत्याधुनिक तकनीक नहीं है, इसलिए यह जरूरी हो गया है कि तकनीक की ऐसी व्यवस्था हो जिससे सबको एक समान लाभ प्राप्त हो सके। इसके लिए कार्यपालिका एवं न्यायपालिका को मिलकर काम करना होगा। मुख्य न्यायाधीश ने रूल ऑफ लॉ को कायम रखने पर बल दिया। कहा कि सरकार अपने दायित्वों का निर्वहन करे। न्यायपालिका भी रूल ऑफ लॉ को कायम करने के लिए संविधान के तहत अपना काम करती रहेगी। कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता, न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा, पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल, झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ. रविरंजन, बीसीआई के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा भी मौजूद रहे।