अहमदाबाद, भारत और इंग्लैंड के बीच यहां हुआ तीसरा टेस्ट दो ही दिन में समाप्त हो गया। गुलाबी गेंद से हुए इस मैच में स्पिनर हॉवी रहे और कोई भी टीम दो सौ रन भी नहीं बना पायी। 30 में से 28 विकेट स्पिन गेंदबाजों को मिले थे और टीम इंडिया ने यह मैच 10 विकेट से जीत लिया था। हार के बाद जहां इंग्लैंड के कई दिग्गजों ने पिच पर सवाल उठाये हैं। वहीं अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2019 से हुए अंतरराष्ट्रीय मैच को लेकर आईसीसी की ओर से दी जाने वाली रेटिंग को देखें तो तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाएगी। पिछले तीन साल में कुल 680 मुकाबले खेले गए हैं और सिर्फ 8 पिच को औसत से नीचे की रेटिंग मिली है। इसमें भारत की एक भी पिच शामिल नहीं है। सबसे ज्यादा 4 पिच विंडीज की हैं। यहां की डोमिनिका, बारबाडोस, गयाना और एंटीगुआ की पिच को खराब रेटिंग मिली। इसके अलावा बांग्लादेश की ढाका व चटगांव जबकि दक्षिण अफ्रीका की वांडरर्स की पिच को औसत से नीचे माना गया है। औसत से नीचे पिच का मतलब है कि उसे एक डी-मेरिट पॉइंट मिले। यह आंकड़े 18 फरवरी 2021 तक हैं। इसमें भारत और इंग्लैंड के बीच हुए मैच की पिच रिपोर्ट शामिल नहीं है। आईसीसी की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार वह हर पिच को छह तरीके से मापता है। मैच के बाद रेफरी की रिपोर्ट के अनुसार पिच को बहुत अच्छा, अच्छा, औसत, औसत से नीचे, खराब और अनफिट बताया जाता है। अंतिम तीन रिपोर्ट पर पिच को डी-मेरिट पॉइंट मिलते हैं और उन पर मैच आयोजन को लेकर कुछ समय के लिए प्रतबंध भी लगाया जाता है।