अहमदाबाद, भारतीय टीम के तेज गेंदबाज इशांत शर्मा ने अपने टेस्ट करियर के लंबे होने का कारण बताते हुए कहा है कि यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि वह समझते थे कि कप्तान उनसे क्या चाहते हैं। इसके साथ ही कहा कि उन्हें पूर्व तेज गेंदबाज जहीर खान से भी काफी कुछ सीखने को मिला है। इसके अलावा मैंने अपनी फिटनेस पर भी काम किया जिसका भी मुझे फायदा मिला है। इशांत ने बांग्लादेश के खिलाफ 18 वर्ष की उम्र में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था। इसके बाद वह अनिल कुंबले, महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में खेले। इशांत इंग्लैंड के खिलाफ अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में बुधवार से शुरु हो रहे तीसरे टेस्ट में उतरने के साथ ही अपाना 100वां टेस्ट खेलेंगे। यह भारत और इंग्लैंड के बीच चार मैचों की सीरीज का तीसरा टेस्ट है.
वहीं कौना सा कप्तान उन्हें अच्छी तरह समझ सका। इस सवाल पर इशांत ने कहा कि इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट से पहले यह कहना मुश्किल है कि कौन मुझे सबसे अच्छा समझ सका, लेकिन सभी मुझे अच्छे से समझते थे। कप्तान मुझे कितना समझते हैं, उससे ज्यादा जरूरी है कि मैं कप्तान को कितना समझता हूं। यह भी काफी अहम है कि कप्तान मुझसे क्या चाहते हैं। अब तक 99 टेस्ट में 302 विकेट ले चुके इशांत सीमित ओवरों की टीम की हिस्सा नहीं है और आईपीएल में भी कुछ सत्र बाहर रहे। इस कारण भी उनका टेस्ट करियर लंबा हुआ है।
इशांत ने कहा, ”मैं इसे वरदान की तरह लेता हूं। ऐसा नहीं है कि मैं सीमित ओवरों का क्रिकेट खेलना नहीं चाहता, लेकिन जब खेलने का मौका नहीं हो तो सबसे अच्छा है कि अभ्यास जारी रखे।” उन्होंने कहा, ”मैं नहीं चाहता कि वनडे में चयन नहीं होने से टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन पर असर पड़े। कम से कम मुझे शुक्रगुजार होना चाहिए कि मैं एक प्रारूप तो खेल रहा हूं।” इशांत ने यह भी कहा, ”इसके यह मायने नहीं है कि अगर तीनों प्रारूप खेलता तो मैं सौ टेस्ट नहीं खेल पाता। शायद थोड़ा समय ज्यादा लगता। मैं 32 साल का हूं, 42 का नहीं।”