भोपाल, राज्य सरकार ने कोरोना काल में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए प्रदेश की जनता को त्रिकुट काढ़ा बांटा था। इस पर सरकार ने 30 करोड़ रुपए से अधिक राशि खर्च की है। यह जानकारी आयुष मंत्री रामकिशोर कावरे ने विधानसभा में लिखित जवाब में दी। इसके बाद काढ़े को लेकर सियायत शुरू हो गई है। कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने आरोप लगाया कि सरकार यह काढ़ा गटक गई है। इसका जवाब चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कुछ इस तरह दिया। सारंग कहा- ठुमकों (आईफा अवार्ड) के लिए नहीं, लोगों पर पैसा खर्च हुआ है।
कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने 28 से 30 दिसंबर 2020 को होने वाले शीतकालीन सत्र के दौरान सवाल लगाया था कि कोरोना काल में सरकार ने त्रिकुट काढ़े पर कितनी राशि खर्च की गई। चूंकि यह सत्र स्थगित हो गया था। ऐसे में बजट सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को आयुष मंत्री रामकिशोर कावरे ने इसका लिखित जवाब विधानसभा में दिया। कावरे ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा कोरोना काल में प्रदेशवासियों को 30 करोढ़ 64 लाख 48 हजार 308 रुपए काढ़ा बांटा गया था।
विधानसभा में यह जानकारी आते ही कांग्रेस सरकार पर हमलावर हो गई है। कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने शिवराज सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पीएम मोदी ने कहा था कि आपदा में अवसर तलाशों, जिसका पूरा फायदा उठाते हुए राज्य सरकार ने काढ़ा बांटने में भ्रष्टाचार किया है और प्रदेश की जनता को 30 करोड़ 64 लाख 48 हजार 308 रुपए का काढ़ा बांट दिया। भाजपा पर आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने कहा कि काढ़ा आम जनता को तो नहीं मिला, पर काढ़े के नाम पर सिर्फ भाजपा और सरकार में बैठे नेताओं को जरूर फायदा हुआ है। राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि काढ़े के नाम पर भ्रष्टाचार हुआ है। इसकी जाचं होना चाहिए। चौधरी के आरोपों का जवाब शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने दिया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने लोगों की जान बचाने के लिए काढ़ा बांटा है कांग्रेस की तरह आइफा पर ठुमके लगाने के लिए पैसा नहीं खर्च किया गया है। इसलिए कांग्रेस हमकों ज्ञान न दें! सरकार को जनता की चिंता थी, इसलिए काढ़ा बांटा गया था।
कोरोना के चलते काढ़े पर खर्च किये गए 30 करोड़
