सतीश शर्मा की अंत्येष्ठी में शामिल होकर राहुल गांधी ने दिया कंधा

नई दिल्ली, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के अभिन्न मित्र कैप्टन सतीश शर्मा की अंतिम यात्रा के मौके पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नंगे पैर अपनी पिता के दोस्त के पार्थिव शरीर को कंधा दिया। कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कैप्टन सतीश शर्मा का बुधवार को गोवा में निधन हो गया था। वह 73 वर्ष के थे। शर्मा कैंसर से पीड़ित थे और पिछले कुछ समय से बीमार थे। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के निकट सहयोगी रहे शर्मा का जन्म आंध्र प्रदेश के सिकंदराबाद में 11 अक्टूबर, 1947 को हुआ। बाद में सतीश शर्मा एक पेशेवर कमर्शियल पायलट बने। रायबरेली और अमेठी निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व कर चुके शर्मा तीन बार लोकसभा सदस्य चुने गए थे। वह तीन बार राज्यसभा सदस्य भी बने और उन्होंने मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया।
1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद अमेठी संसदीय क्षेत्र में उन्हें अमेठी से चुनाव में उतारा गया, तो रिकार्ड मतों से उन्होंने जीत दर्ज की। पीवी नरसिम्हा राव की सरकार के दौरान 1993 में कैप्टन शर्मा केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री बने। 1996 में फिर से वह अमेठी के सांसद बने, लेकिन 1998 में संजय सिंह के हाथों उन्हें करारी मात खानी पड़ी। 1999 में उन्होंने रायबरेली से अरुण नेहरु को हराकर सीट पर कब्जा किया। 2004 में राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव लड़ने के कारण उन्होंने सीट त्याग दिया और सुलतानपुर से चुनाव लड़ा। जहां उन्हें शिकस्त खानी पड़ी। राजीव गांधी ने भाई संजय गांधी की मौत के बाद राजनीति में कदम रखा। 1984 में पूर्व पीएम इन्दिरा गांधी की हत्या हुई और राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री बने। इसके बाद कैप्टन ने पायलट की नौकरी से इस्तीफा देकर राजीव गांधी की कोर कमेटी में शामिल हो गये। राजीव गांधी के पीएम रहते हुए कैप्टन सतीश शर्मा अमेठी-रायबरेली और सुलतानपुर की जिम्मेदारी संभालते थे।

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