सीधी, मध्यप्रदेश के सीधी में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया। करीब 54 यात्रियों से भरी बस बाणसागर नहर में गिर गई। अब तक 45 शव मिल चुके हैं। 7 लोग बचा लिए गए। ड्राइवर खुद तैरकर बाहर आ गया। उसे हिरासत में लिया गया है। अधिकारियों ने मृतकों की संख्या बढ़ोतरी होने की आशंका जताई है। कुछ शवों के बह जाने की बात भी सामने आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिजन को 2-2 लाख और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 5-5 लाख रुपए की सहायता देने का ऐलान किया है।
बस सीधी से सतना जा रही थी। हादसा रामपुर के नैकिन इलाके में सुबह करीब 7.30 बजे हुआ। हादसे के चार घंटे बाद 11.45 बजे क्रेन की मदद से बस को बाहर निकाला गया। नहर की गहराई 20 से 22 फीट बताई जा रही है। जिस वक्त हादसा हुआ, तब बहाव तेज था, लिहाजा यात्रियों को संभलने का मौका नहीं मिला। मृतकों में 12 छात्र भी थे।
-ओवर लोडेड थी बस
पुलिस के मुताबिक, बस में 32 लोग बैठाए जा सकते थे, लेकिन इसमें 54 यात्री भर लिए गए। बस का मालिक कमलेश्वर सिंह है जो हादसे के बाद से फरार है। बस सीधी से सतना आ रही थी। 80 किमी का सफर तय करने के बाद ये बाणसागर नहर में जा गिरी। बस की फिटनेस 2-5-21 तक है और बस का परमिट 12-5-25 तक का था। सरकार जब किसी बस को परमिट देती है, उसी समय उसका रूट भी तय कर दिया जाता है। परिवहन विभाग के नियमों के मुताबिक तय रूट से अलग रास्ते पर बस संचालन अपराध माना जाता है। सीधी बस दुर्घटना की एक वजह यह भी है कि हादसे का शिकार होने वाली बस के ड्राइवर ने अचानक ही इसका रूट बदल दिया था। ट्रैफिक जाम के कारण ड्राइवर ने रास्ता बदला और 7 किलोमीटर तक नए रूट से बस को ले गया।
-बस को संकरे रास्ते से ले जा रहा था ड्राइवर
बस को सीधी मार्ग पर छुहिया घाटी से होकर सतना जाना था, लेकिन यहां जाम की वजह से ड्राइवर ने रूट बदल दिया। वह नहर के किनारे से बस ले जा रहा था। यह रास्ता काफी संकरा है। इसी दौरान ड्राइवर ने नियंत्रण खो दिया।
-ड्राइवर ने स्पीड कम नहीं की
हादसे में बचे यात्रियों ने बताया कि ड्राइवर काफी स्पीड में बस चला रहा था। लोगों ने उससे कई बार रफ्तार कम करने को कहा, लेकिन वह नहीं माना। इसी दौरान उसने कंट्रोल खोद दिया और बस नहर में गिर गई। जितने भी लोग बस से बाहर आ पाए वे सभी पीछे की सीटों पर बैठे थे। बस के नहर में डूबने के दौरान उन्हें थोड़ा सा वक्त मिला जिससे वे बाहर आ गए और तैरकर किनारे पहुंचे।
-मंत्री सिलावट व रामखेलावन घटनास्थल पहुंचे
सीधी में बस हादसे के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने कैबिनेट बैठक को स्थगित कर दिया है। जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल भोपाल से हेलीकाप्टर से रीवा पहुंचे और यहां से घटनास्थल पहुंचकर लोगों को सांत्वना दी। मंत्रियों ने मृतकों के परिजनों से भी मुलाकात की। उधर, हादसे के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के साथ बैठक की है। बैठक में बताया गया कि सीधी से सतना के बीच चलने वाली बसें सुबह के समय खाली ही जाती हैं लेकिन मंगलवार को एनटीपीसी का एग्जाम था। रीवा और सतना में परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। 32 सीटर बस में ज्यादा युवा ही थे, वह परीक्षा देने रीवा और सतना आ रहे थे।
-बस का रूट नहीं बदलता तो बच जाती जानें
सीधी में नहर में गिरी जबलनाथ ट्रेवल्स की बस अगर अपना रूट नहीं बदलती तो लोगों की जान नहीं जाती। छुहिया घाटी से होकर बस रोजाना सतना के लिए जाती थी। मंगलवार की सुबह जाम लगने होने की वजह से ड्राइवर ने बस का रूट बदलकर नहर का रास्ता पकड़ा और यह हादसा हो गया। नेशनल हाईवे 39 स्थित छुहिया घाटी में जगह-जगह गड्ढे और पत्थर पड़ होने की वजह से हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है। यहां घंटों जाम में वाहन फंसे रहते हैं। यही वजह थी कि ड्राइवर बस को जल्दी ले जाने की चक्कर में रूट बदल दिया।
बस का परमिट रद्द, जांच के आदेश
हादसे का शिकार हुई बस क्रमांक एमपी 19 पी 1882 का परमिट रद्द कर दिया गया है। प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत ने बताया कि बस का परमिट रद्द कर ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जांच में जो भी दोषी होगा छोड़ा नहीं जाएगा। डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को घटनास्थल पर भेजा गया है।
-45 में से 21 शवों की हुई पहचान
बाणसागर नहर से निकाले गए 45 शवों में से 21 की पहचान कर ली गई है। इनमें से ज्यादातर युवा हैं, जिनकी उम्र 30 साल से कम है। दो साल के बच्चे की भी हादसे में मौत हुई है।
1. विमला द्विवेदी, 50 साल
2. सुप्रिया तिवारी, 20 साल
3. जिमेश तिवारी, 38 साल
4. जगमोहन साकेत, 30 साल
5. श्यामलाल साकेत, 40 साल
6. हीरालाल शर्मा, 60 साल
7. लक्ष्मी, 22 साल
8. अमर साकेत, 22 साल
9. राजेंद्र द्विवेदी, 40 साल
10. रामसुख साकेत, 50 साल
11. सुशीला प्रजापति, 27 साल
12. पिंकी गुप्ता, 25 साल
13. रीना तिवारी, 25 साल
14. सुमित्रा कोल, 35 साल
15. जगदीश, 65 साल
16. अशोक कुमार तिवारी, 48 साल
17. अनिल त्रिपाठी, 40 साल
18. कल्याण सिंह यादव, 22 साल
19. कविता यादव, 25 साल
20. अनिल कुमार पटेल, 24 साल
21. अथर्व कुमार गुप्ता, 2 साल