भोपाल,ज्यसभा सांसद व बीजेपी के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भोपाल में बंगला अलॉट होने के 24 दिन बाद रविवार सुबह अपने सरकारी निवास पर पहुंचे। उन्हें श्यामला हिल्स पर बंगला बी-5 मिला है। यह उन्हें करीब 18 साल के इंतजार के बाद मिला है। नई दिल्ली से वे फ्लाइट से रविवार सुबह भोपाल पहुंचे। उनका बंगले पर कार्यकर्ताओं और सर्मथकों ने भव्य स्वागत किया। उनके साथ परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और मंत्री तुलसी सिलावट भी रहे। करीब डेढ़ एकड़ वाला यह बंगला पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और दिग्विजय सिंह से भी बड़ा बंगला है। बंगला नंबर बी-6 उमा भारती के अब सिंधिया पड़ोसी हो गए हैं। दिग्विजय सिंह 3 बंगले छोड़ कर बी-1 में रहते हैं।
दिल्ली का आवास कर चुके खाली
लोकसभा चुनाव हारने के बाद केंद्र सरकार ने सिंधिया से दिल्ली (27 सफदरजंग रोड) का सरकारी आवास 27 जुलाई 2019 को खाली करा लिया था। गुना से सांसद रहते सिंधिया ने तीन साल पहले मध्यप्रदेश सरकार (मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के तीसरे कार्यकाल में) से भोपाल में सरकारी बंगला मांगा था, लेकिन उनका आवेदन करीब छह माह तक लंबित रहा। उस दौरान सिंधिया विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष रहे थे। वे अपना बेस कैंप भोपाल को बनाना चाहते थे। सिंधिया ने कमलनाथ सरकार में भी प्रयास किया था लेकिन फिर 2019 में वह लोकसभा चुनाव हार गए और बंगला नहीं मिल पाया।
बंगले पर हर साल 50 करोड़ खर्च
भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों और विधायकों को बी और सी टाइप बंगले मिले हैं, जो 1 से 1.50 एकड़ क्षेत्र में फैले हैं। बी टाइप बंगले 105 हैं, जिनका किराया 6 हजार रुपए प्रतिमाह है। सी टाइप बंगले 61 है, जिनका किराया 4800 रुपए है। इन बंगलों के मेंटेनेंस पर हर साल सरकार को 50 करोड़ रुपए खर्च करने होते हैं।