जबलपुर, मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विवि (एमयू) में उस वक्त हड़कम्प मच गया, जब गोपनीय शाखा के लेडीज बाथरूम में छात्रों की कापियां पड़ी मिली. मामला की जानकारी पैâलते हुये पूरे एमयू में हड़वंâप मच गया. अधिकारी इस मामले में जिम्मेदारी कर्मचारी पर मढ़ते नजर आए, तो कर्मचारी इसे अधिकारियों की मनमानी का सबूत बता रहे हैं. वहीं मेडिकल विश्वविद्यालय के छात्र इस पूरे मामले में एफआईआर दर्ज कराकर जांच कराने की मांग कर रहे हैं. मेडिकल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. टीएन दुबे ने इस पूरे मामले में जांच के आदेश दिये हैं.
परीक्षा नियंत्रक को सौंपी जांच
गोपनीय विभाग के बाथरूम में मिली कापियों के चलते विश्वविद्यालय में हड़वंâप की स्थिति है. इस पूरे मामले में खुले और छिपे तौर पर कई तरह आरोप लग रहे हैं और सवाल उठ रहे हैं. विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. टीएन दुबे ने मामले को गंभीरता से लेते हुये, एमयू की परीक्षा नियंत्रक डॉ. वृंदा सक्सेना को मामले की जांच के आदेश दिये हैं. वहीं कुलपति ने गोपनीय विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को बुलाकर क्लास ली है. कुलपति का कहना है की किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.
अधिकारी कर्मचारी आमने सामने
परीक्षा कापियां लावारिस मिलने जैसे अतिसंवेदनशील मामले में अधिकारी कर्मचारी आमने सामने आ गये हैं. जहां अधिकारियों ने इसके लिये कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहराया. तो कर्मचारी एक जुट होकर इस पूरे मामले में अधिकारियों को दोषी बता रहे हैं. कर्मचारियों का कहना है कि इससे पहले भी कई कांड इस विवि में हो चुके हैं। मलाई अधिकारी खाते हैं और जब गड़बड़ी का भंडाफोड हो जाता है तो कर्मचारियों को इसमें लपेट कर खुद बच निकलते हैं। इस बार ऐसा नहीं होगा। कर्मचारियों का कहना है कि जब विभाग की जिम्मेदारी ली है तो गोलमाल की जिम्मेदारी भी तय होगी। सब चाहते हैं इस बार निष्पक्षता से इसकी जांच हो और दोषी पर कार्रवाई की जाए।
पूरे मामलें की जांच कराने की मांग
मामले में जूनियर आयुष डॉक्टर एसोसिएशन के प्रदेश प्रभारी शुभम् जैन ने कहा है कि विवि प्रशासन जिम्मेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए। यदि ऐसा नहीं होता है तो छात्र संगठन प्रदर्शन करेगा।यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी गोपनीय शाखा में कापियां पानी में पड़ी हुई पा चुकी हैं।
जांच के आदेश दिये- कुलपति
इस बारें में एमयू के कुलपति डॉ.टीएन दुबे का कहना है कि पूरे मामलें के जांच के आदेश दे दिये गये है। परीक्षा नियंत्रक वृंदा सक्सेना से इस मामलें की जांच कराई जा रही है। गोपनीय शाखा के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के मामलों में पूछताछ की जायेगी, जांच पड़ताल के बाद जो भी दोषी पायें जायेंगे उन पर सख्त कार्रवाई की जायेगी।