मुंबई,बॉलीवुड में अपनी किस्मत आजमा चुकी पाकिस्तानी अभिनेत्री सोमी अली का कहना है कि बॉलीवुड में उनका सफर काफी छोटा रहा है। सोमी ने माना कि उन्होंने प्यार के चलते कई ऐसे फैसले लिए हैं, जिन्हें अब वह अपनी गलती मानती हैं। सोमी ने बताया, “मैं बेशक खुद को एक बहुत बड़ी बॉलीवुड स्टार नहीं कहूंगी। मेरे इस सफर की शुरुआत खुशकिस्मती से हुई थी।
सोमी अली ने कहा कि जब मैं मुंबई आई थी, तब मैं एक टीनएजर थी और मुझे अब भी इस बात से हैरानी होती है कैसे मैंने बड़े-बड़े स्टार्स संग 10 फिल्में कर डाली, जबकि एक्टिंग में अपना करियर बनाने का मेरा कोई इरादा ही नहीं था। बस यही कहूंगी कि उस वक्त मैं काफी भोली थी, आसानी से लोगों की बातों में आ जाती थी, बचपना था मेरे अंदर। जब कोई इंसान मेरे प्रति वफादार रहने की बात करता था, तो मैं आसानी से उसके झांसे में आ जाती थी।”सोमी ‘अंत’ (1994), ‘यार गद्दार’ (1994), ‘आओ प्यार करें’ (1994), ‘आंदोलन’ (1995) और ‘चुप’ (1997) जैसी कुछ और फिल्मों का हिस्सा रही हैं। सोमी ने आगे कहा, “सच्चे प्यार की तलाश में मैंने कई गलतियां की है, जो कि मुझे कभी मिला ही नहीं। अच्छी बात यह है कि मुझे इसका कोई पछतावा नहीं है क्योंकि मैंने चीजें अपने मन मुताबिक की है, नतीजा चाहे कुछ भी क्यों न हो और मुझे कभी किसी लेबल की भी फिक्र नहीं रही थी। मैं बोल्ड थी, लेकिन भोली भी थी। मैं समझदार थी, लेकिन फिर भी खुद को किसी ऐसी परिस्थिति में लाकर खड़ा कर देती थी, जो कि बचपना की हद होती थी।
कुल मिलाकर 16 से 24 साल तक का मेरा सफर जिंदादिली से लबरेज, कुछ दर्दभरी, तमाम ऊंच-नीच से भरपूर रहा है। साल 1999 के दिसंबर में अपने रिलेशनशिप को खत्म कर मैं वापस आ गई, जिसके लिए ही मैं इंडिया गई थी।” फिलहाल मयामी में रहने वाली अभिनेत्री ने आगे कहा कि उन्हें कभी ऐसा नहीं लगा कि वह एक्टिंग की दुनिया में फिट हो सकती है। सन 1991 में मुंबई पहुंची सोमी ने 1999 में ही भारत छोड़ दिया था। इसके बाद उन्होंने ‘नो मोर टियर्स’ के नाम से अपने एक एनजीओ की शुरुआत की, जिसमें घरेलू हिंसा का शिकार हो रहीं महिलाओं को बचाने का काम किया जाता है।