नई दिल्ली, प्रधाननमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि आखिरी ब्रिटिश कमांडर ने कहा था कि भारत कई देशों का महाद्वीप है और कोई इसे राष्ट्र नहीं बना सकता। लेकिन भारतवासियों ने इस शंका को तोड़ा। आज हम विश्व के सामने एक राष्ट्र के रूप में खड़े हैं। उन्होंने कहा कि सदन में भाषण पर 15 घंटे से ज्यादा चर्चा हुई है। चर्चा में भाग लेने वाले सभी साथियों का आभार। विशेष रूप से महिला सांसदों का आभार व्यक्त करना चाहता हूं क्योंकि उन्होंने अपने तर्कों और रिसर्च से सदन की बहस को समृद्ध बनाया। पीएम ने कहा, ‘आजादी के 75 वर्ष देश में दस्तक दे रहे हैं। ये पड़ाव हर हिंदुस्तानी के लिए गर्व और आगे बढ़ने के लिए है। हम समाज में कहीं पर हों लेकिन सबको मिलकर संकल्प लेना होगा कि सौ साल पूरे होने पर देश कैसा होगा। पीएम मोदी के भाषण के दौरानकई बाद हंगामा भी हुआ, इस पर पीएम तल्ख भी हुए। पीएम ने कहा, ‘कुछ लोग कहते थे कि इंडिया इज मिरेकल डेमोक्रेसी, लेकिन इस भ्रम को भी हमने तोड़ा है। हमारा हर प्रयास लोकतंत्र की मजबूती को प्रदर्शित करता है। हम विविधताओं से भरे हुए देश हैं। सैकड़ों भाषाएं, हजारों बोलियों के बावजूद हमने एक लक्ष्य एक राह का सपना पूरा करके दिखाया है। स्वामी विवेकानंद ने कहा था-एवरी नेशन हैज ए मैसेज टू डिलीवर, ए मिशन टू फुलफिल, ए डेस्टिनी टू रीच। कोरोना के दौरान भारत ने जिस प्रकार खुद को संभाला और दुनिया को संभलने में मदद की और दूसरों की मदद की उसने ‘सर्वे भवंतु सुखिन:, सर्वे संतु निरामया’ की भावना को प्रदर्शित किया। इसके लिए भारत के प्रयासों का गौरवगान होना चाहिए।’
अपने भाषण में पीएम मोदी ने कोरोना के बाद की दुनिया का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘दूसरे विश्व युद्ध के बाद दुनिया में हर तरफ निराशा छाई हुई थी। दुनिया में एक नया वर्ल्ड ऑर्डर आया। इसके बाद सैन्य नहीं सहयोग को लेकर विचार प्रबल होते गए। यूएन का निर्माण हुआ और भांति-भांति के मैकेनिज्म तैयार हुए जिससे दुनिया को शांति की तरफ अग्रसर किया जाए। लेकिन इसके बावजूद हर कोई अपनी सैन्य शक्ति बढ़ाने लगा। छोटे मोटे देश भी शक्ति की प्रतिस्पर्द्धा में आने लगे। सैन्य शक्ति को लेकर खूब रिसर्च हुई।’ पीएम मोदी ने कहा, ‘इसी तरह कोरोना के बाद दुनिया में संबंध बदलने वाले है। नया वर्ल्ड ऑर्डर तैयार होगा। ऐसी स्थिति में भारत विश्व से कटकर नहीं रह सकता। हमें मजबूत प्लेयर की तरह उभरना होगा। हम सिर्फ जनसंख्या के आधार पर इससे मुकाबला नहीं कर सकते। इसके लिए भारत को आत्मनिर्भर होगा। हम फार्मेसी में आत्मनिर्भर हैं इसीलिए दुनिया की मदद कर पा रहे हैं। जरूरी है आत्मनिर्भर भारत के विचार को बल दिया जाए। ये किसी नेता का विचार नहीं है। ये पूरे देश की विचारधारा होनी चाहिए। आज हर जगह ‘वोकल फॉर लोकल’ सुनाई देता है। आत्मविश्वास का ये भाव आत्मनिर्भर भारत के विचार को बल देगा।’
मनीष तिवारी पर तंज, हां, ये सच है कि हम भगवान की कृपा से बच गए:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस नेता मनीष तिवारी के बयान पर पलटवार किया और कहा कि ये भगवान की ही कृपा थी कि दुनिया हिल गई और हम बच गए। क्योंकि डॉक्टर और नर्स भगवान का रूप बनकर आए। भगवान सफाई कामदार के रूप में आए। वो एंबुलेंस का ड्राइवर भगवान के रूप में आया था और इसलिए ये भगवान का रूप ही था कि भारत ने 8 महीने तक लोगों को राशन पहुंचाया। ये भारत ही था कि जनधन और आधार के जरिए हमने लाखों लोगों के खाते में पैसा पहुंचाया। उन्होंने कहा कि एक अंजाने दुश्मन के खिलाफ लड़ना आसान नहीं था। 130 करोड़ भारतीयों के अनुशासन ने हमें बचाकर रखा।
जब अधीर रंजन नहीं रुके तो गु्स्से में कहा – दादा अब ज्यादा हो रहा ह
अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री पूरे रौ में दिखे। खेती से जुड़े कानूनों का बचाव करते हुए जब वो बोलने लगे तो कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी टोकने लगे। इस पर मोदी ने पहले हंसते हुए उन्हें चुप कराया। जब टोकाटकी बढ़ गई तो मोदी थोड़े गुस्से में आ गए। हंगामा तब हुआ जब मोदी ने कहा, न कहीं मंडी बंद हुई, एमएसपी बंद हुई। इस पर अधीर रंजन चौधरी खड़े हो गए और हल्ला करने लगे। तब पीएम मोदी ने कहा, ये हो हल्ला, ये रूकावट डालने का प्रयास एक सोची समझी रणनीति के तहत है। जैसा बाहर करते हैं वैसा ही अंदर करते रहो लेकिन इससे लोगों का विश्वास आपको हासिल नहीं होगा। अधीर रंजन जी प्लीज, अच्छा नहीं लगता है। मैं आपका आदर करता हूं।। हद से ज्यादा क्यों कर रहे हो।