तीनों कृषि कानून राक्षस रूपी जो किसानों को मारना चाह रहे -प्रियंका

सहारनपुर,कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सहारनपुर में आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित कर कहा कि जो तीन कृषि क़ानून सरकार ने बनाए हैं, वहां राक्षस रूपी कानून हैं, जो किसानों को मारना चाहते हैं। पहला कानून भाजपा के नेतृत्व के पूंजीपति मित्रों के लिए जमाखोरी के दरवाजे खोल देगा। प्रियंका गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधकर कहा कि 16,000 करोड़ के 2 हवाई जहाज ले लिए और 20,000 करोड़ संसद के सुंदरीकरण में खर्च कर दिया, लेकिन किसानों का बकाया 15,000 करोड़ आज तक नहीं दिया। उन्होंने कहा कि 56 इंच की छाती के अंदर एक छोटा सा दिल है जो केवल कुछ उद्योगपतियों के लिए धड़कता है। उन्होंने कहा कि हम खड़े हैं, जब तक ये बिल वापस नहीं होते तब तक डटे रहिए। इसी बीच प्रियंका ने किसानों से वादा किया कि कांग्रेस की सरकार आने पर सभी बिलों को वापस ले लिया जाएगा और आपको समर्थन मूल्य का पूरा दाम मिलेगा।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि कांट्रेक्ट फार्मिंग में धोखा मिलेगा। कंपनी मनमाना दाम तय करेगी। सरकारी मंडी बंद होगी। एमएसपी बंद होगी, जमाखोरी बढ़ेगी। किसान की आवाज दबेगी। अरबपतियों की आवाज ही रहेगी। पीएम मोदी ने कहा था कि सत्ता में आते ही 15 हजार करोड़ का गन्ना भुगतान ब्याज समेत होगा। अब तक बकाया भुगतान नहीं हुआ। देश को आत्मनिर्भर बनाने वाला किसान है। किसान का बेटा सीमा पर शहीद होता है। किसान का बेटा पीएम की सुरक्षा करता है। पीएम किसान को नहीं पहचान रहे। रोज किसान को अपमानित कर रहे। कहते हैं यह आतंकवादी हैं, संसद में किसान का अपमान किया। आंदोलनगीरी कहकर अपमान किया। ऐसा व्यक्ति देशभक्त नहीं हो सकता। 78 दिन से किसान बॉर्डर पर है। किसानों की शहादत का अपमान किया। कई प्रतिष्ठान बेच डाले। हम इस आंदोलन में आपके साथ हैं। जाग जाइए जिससे आप उम्मीद रख रहे हैं वो कुछ नहीं करेंगे। वादे खोखले करते हैं। अपने खरबपति मित्रों के लिए सब किया। कोरोनाकाल में कहां थे यह खरबपति मित्र, जब लोग कोरोना में पैदल घर गए तो यह खरबपति मित्र कहां थे। यह अस्तित्व का आंदोलन है, पीछे मत हटिए हम साथ हैं आपके साथ लड़ेंगे। कांग्रेस सरकार आएगी तो यह कानून रद होगा। न्यूनतम मूल्य तय होगा। आपके दिलों के साथ राजनीति नहीं करेंगे। धर्म जाति के नाम पर तोड़ेंगे नहीं आप सब इस आंदोलन से जुड़िए चाहे किस भी मजहब से हो। आप खड़े होइए हिम्मत बनाइए हम आपके साथ हैं।

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