भोपाल, लोकसभा चुनाव में अवैध लेनदेने मामले में आरोपी पुलिस अफसरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की फाइल एक माह से मुख्यमंत्री कार्यालय में अटकी है। इस कारण से गृह विभाग आरोपी अफसर लेकिन 3 आईपीएस अफसर सुशोभन बनर्जी, वी. मधुकुमार व संजय माने और राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी अरुण कुमार मिश्रा को आरोप पत्र जारी नहीं कर पा रहा है। गृह विभाग ने 10 जनवरी को सीबीडीटी की रिपोर्ट के साथ आगे की कार्रवाई करने की अनुमति के लिए प्रस्ताव सीएम सचिवालय भेजा था। मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि इस मामले में केंद्र सरकार ने 8 जनवरी को तीनों आईपीएस अफसरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की अनुमति राज्य सरकार को दे दी थी। लेकिन एक माह बाद भी इन अफसरों की विभागीय जांच शुरु नहीं हो पाई है।
इससे पहले चुनाव आयोग ने सरकार से सीबीडीटी की रिपोर्ट पर एक्शन लेने के निर्देश दिए थे। इस पर सरकार ने आर्थिक अपराध अन्वेष्ण ब्यूरो को एफआईआर दर्ज करने को कहा था। ईओडब्लू ने 2 जनवरी को प्राथमिकी दर्ज कर ली थी। मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि गृह विभाग ने आरोपी चारों अफसरों को आरोप पत्र देकर जवाब तलब करने की पूरी तैयारी कर ली है। अब केवल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की हरी झंडी मिलने का इंतजार है। इधर, आरोपी अफसरों ने भी अपने बचाव में सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि आयकर की अप्रेजल रिपोर्ट के आधार पर सरकार को कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है, क्योंकि अप्रेजल रिपोर्ट के आधार पर आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं किया जा सकता है। इसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला भी दिया गया है।
रिपोर्ट में 64 विधायकों के नाम
बता दें कि इस रिपोर्ट में तत्कालीन कमलनाथ सरकार के मंत्री सहित 64 विधायकों के नाम हैं। इनमें से 13 विधायक रिपोर्ट आने से पहले बीजेपी का दामन थाम चुके हैं। भाजपा के 13 में से 8 विधायक सिंधिया समर्थक हैं।
चुनाव में कालेधन का मामला आरोपी अफसरों के खिलाफ एक्शन की फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय में अटकी
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