लखनऊ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने रविवार को राजभवन में नवनिर्वाचित विधान परिषद सदस्य भारतीय जनता पार्टी के कुंवर मानवेंद्र सिंह को विधान परिषद के कार्यकारी सभापति की शपथ दिलाई। विधान परिषद के सभापति समाजवादी पार्टी के रमेश यादव का 30 जनवरी को कार्यकाल समाप्त होने के बाद से यह पद खाली हो गया था। उधर, विधान परिषद में बहुमत वाले दल समाजवादी पार्टी ने सिंह के नियुक्ति को लेकर भाजपा सरकार की आलोचना की है। सपा पहले ही इस मामले को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन दे चुकी थी।
विधान परिषद के प्रोटेम स्पीकर बनाए गए कुंवर मानवेंद्र सिंह बुंदेलखंड क्षेत्र में भाजपा के काफी जुझारू नेता माने जाते हैं। वह 1980 में झांसी के भाजपा जिला अध्यक्ष बने। 1985 में भाजपा से विधायक निर्वाचित हुए। वह भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। इसके बाद लगातार दो सत्र भाजपा से विधान परिषद के सदस्य रहे हैं। वह राजनाथ सिंह की सरकार के समय विधान परिषद के कार्यवाहक सभापति के पद पर भी रहे हैं। वह अभी बुंदेलखंड विकास बोर्ड के चेयरमैन हैं। राजभवन में प्रोटेम स्पीकर की षपथ लेने के बाद कुंवर मानवेंद्र सिंह ने कहा कि हमें जो जिम्मेदारी मिली है उसे वह निष्ठा व ईमानदारी से निभाएंगे। हमारी प्राथमिकता सदन को व्यवस्थित ढंग से चलाने की है। उनकी नियुक्ति पर सवाल उठने पर उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम तो विरोध करना ही है। यह लोग राजनीति के तहत विरोध कर रहे है। उन्होंने कहा कि हमारी यह नियुक्ति अलोकतांत्रिक ढंग से नहीं हुई है। स्पीकर का पद खाली होने के बाद हमको प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है।
उधर, प्रोटेम स्पीकर पद पर सिंह की नियुक्ति का प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने पुरजोर विरोध किया है। पार्टी ने कहा कि भाजपा ने प्रोटेम स्पीकर इसलिए नियुक्त करवा लिया क्योंकि यह चुनाव नहीं कराना चाहते हैं। समाजवादी पार्टी प्रवक्ता सुनील साजन ने आरोप लगाया कि नियमों को ताक में रखकर भाजपा ने अपना प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करवा लिया। इससे साफ होता है कि भाजपा चुनाव नहीं कराना चाहती है, क्योंकि विधान परिषद में समाजवादी पार्टी के पास का बहुमत है। उन्होंने कहा कि अगर संवैधानिक पद पर बैठे लोग ही संसदीय परंपराओं की धज्जियां उड़ाएंगे तो फिर बचेगा क्या। उन्होंने कहा कि सपा ने विधान परिषद के सभापति पद के लिए चुनाव की मांग की थी। रमेश यादव का कार्यकाल समाप्त होने के बाद पार्टी अपना ही सभापति चाहती है। इसकी मांग को लेकर शनिवार को समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल राजभवन गया था, लेकिन उसकी राज्यपाल से भेंट नहीं हो सकी।