भोपाल, मप्र स्कूल शिक्षा विभाग ने माशिमं द्वारा दसवीं व बारहवीं की दो परीक्षाएं कराने, नए ब्लूप्रिंट को लागू करने, ऑनलाइन प्रश्न पत्र भेजने समेत अन्य बदले गए सभी नियमों को लेकर जानकारी मांगी है। इन सभी नियमों को शासन धारा 9(4) लगाकर बदल सकता है। विभाग ने माशिमं को साफ कह दिया है कि नए नियम से छात्रों को पढ़ा पाना मुश्किल है। इससे परीक्षा परिणाम पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है। सूत्रों की माने तो स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी व मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) के अध्यक्ष व अतिरिक्त मुख्य सचिव राधेश्याम जुलानिया दसवीं व बारहवीं बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर आमने-सामने हैं। इसके पहले भी सात सितंबर को माशिमं के अध्यक्ष राधेश्याम जुलानिया द्वारा दूरदर्शन पर शुरू की जाने वाली कक्षा के एक दिन पहले छह सितंबर को स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव ने निर्देश देकर रोक लगवा दी थी। अब विभाग ने मंडल सचिव पत्र को भेजा है, जिसमें मंडल से छह बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई है। इसमें माशिमं की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार 30 अप्रैल से शुरू होने वाली परीक्षाओं के संचालन की तैयारी, कोविड-19 के कारण पढ़ाई प्रभावित होने से बोर्ड की परीक्षाओं के लिए पाठ्यक्रम में की गई कमी, ब्लूप्रिंट में किए गए तथ्यपरक बदलाव, प्रश्न-पत्र परीक्षा केंद्र तक पहुंचाने के लिए प्रस्तावित व्यवस्था, यदि यह व्यवस्था पूर्व वर्षों से अलग हो, माशिमं द्वारा दो मुख्य परीक्षाओं का आयोजन, उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की प्रस्तावित व्यवस्था हाई स्कूल/हायर सेकेंडरी परीक्षा के लिए बाहरी एवं आंतरिक मूल्यांकन व्यवस्था आदि के बारे में जानकारी मांगी है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा माशिमं को भेजे पत्र में कहा है कि ब्लूप्रिंट में तार्किक एवं समझ परख वाले प्रश्न शामिल किए जा रहे हैं। ऐसे प्रश्नों के लिए अभ्यास की आवश्यकता होती है। नियमित कक्षाओं में पूरी उपस्थिति न होने के कारण सभी विद्यार्थियों को इसका अभ्यास करा पाना संभव नहीं हो सकेगा। इसका विपरीत प्रभाव परीक्षा परिणामों पर पड़ सकता है। अचानक कोई परिवर्तन करना व्यावहारिक और छात्रहित में नहीं होगा। माशिमं सत्र 2020-21 के लिए दो बार परीक्षाओं का आयोजन करेगा। प्रथम परीक्षा 30 अप्रैल एवं द्वितीय परीक्षा 1 जुलाई से प्रारंभ होगी।