लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र का आधार विधायिका है। सशक्त और समर्थ विधायिका लोकतंत्र की जड़ों को शक्तिशाली बनाती है। सशक्त और समर्थ विधायिका के लिए सदस्यों द्वारा सदन में प्रभावी संवाद आवश्यक है।
मुख्यमंत्री शुक्रवार को यहां विधान भवन स्थित तिलक हाल में बीती 06 मई, 2020 को पदावधि के अवसान पर निवृत्त हुए तथा 30 जनवरी, 2021 के पदावधि के अवसान पर निवृत्त हो रहे विधान परिषद सदस्यों के विदाई समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सदस्यों के आने-जाने का क्रम निरन्तर बना रहता है। अपने कार्यकाल में सदस्यों द्वारा दायित्वों का निर्वाह जिस निष्ठा, समर्पण, लगन एवं ईमानदारी के साथ किया जाता है, उससे समाज का जो भला होता है, वही कार्यकाल को स्मरणीय बनाता है। उन्होंने विधान परिषद सदस्य ओम प्रकाश शर्मा के निधन को बड़ी क्षति बताते हुए दिवंगत आत्मा की सद्गति की प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि षिक्षक नेता शर्मा ने 48 वर्षों तक शिक्षा जगत की समस्याओं के समाधान के लिए विधायिका के मंच का उपयोग किया।
मुख्यमंत्री योगी ने निवृत्त हुए सदस्यों श्रीमती कांति सिंह, केदारनाथ सिंह, डॉ. यज्ञदत्त शर्मा, डॉ. असीम यादव, चेत नारायण सिंह, जगवीर किशोर जैन तथा 31 सभापति विधान परिषद रमेश यादव व अन्य सदस्यों आशु मलिक, रामजतन राजभर, वीरेन्द्र सिंह, साहब सिंह सैनी, धर्मवीर सिंह अशोक, प्रदीप कुमार जाटव के सदन में योगदान की सराहना करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य एवं स्वस्थ व सुदीर्घ जीवन की कामना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश का विधान मण्डल देश का सबसे बड़ा विधान मण्डल है। विधान भवन की डिजाइन विधान परिषद के लिए ही की गयी थी।
संसदीय लोकतंत्र का आधार है विधायिका – योगी
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