रांची, झारखंड उच्च न्यायालय में चारा घोटाले मामले में सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की तिथि निर्धारित है। दुमका कोषागार से अवैध निकासी से जुड़े मामले में लालू को यदि जमानत मिल जाती है,तब उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो जाएगा। इससे पहले लालू प्रसाद को तीन अन्य मामलों में आधी सजा पूरी होने के कारण पहले ही जमानत मिल चुकी है। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की अदालत में शुक्रवार को लालू प्रसाद की ओर से जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए दाखिल की गई हस्तक्षेप याचिका पर सुनवाई होने की संभावना है। इस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले की कॉपी लालू प्रसाद की ओर से हाईकोर्ट में दाखिल की गई है। बताया गया है कि न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की अदालत में 14वें नंबर पर बेल पिटिशन सूचीबद्ध है।
इसके पहले लालू प्रसाद की ओर से अपनी कस्टडी की अवधि को लेकर एक रिपोर्ट अदालत में दाखिल की गई थी। उसी दौरान जमानत पर जल्द सुनवाई के लिए विशेष आग्रह किया गया था। अदालत ने लालू प्रसाद के आग्रह को स्वीकार करते हुए उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए 29 जनवरी की तिथि निर्धारित की है। दुमका कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित इस मामले में रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद को 7 साल की सजा सुनाई है। लालू की ओर से मामले में आधी सजा पूरी करने और कई तरह की बीमारियों का हवाला देकर जमानत की गुहार लगाई गई है। लालू प्रसाद की ओर से दाखिल जवाब में कहा गया है कि उन्होंने दुमका कोषागार वाले मामले में करीब 44 महीने जेल में बिताए हैं, जो सजा की आधी अवधि से ज्यादा हैं। इसी आधार पर लालू प्रसाद की ओर से जमानत का आग्रह किया गया है। दूसरी ओर सीबीआई की ओर से इसका विरोध किया जा रहा है।