भोपाल भाजपा में होडिंग्स संस्कृति पनपने से प्रदेश नेतृत्व चिंतित नजर आ रहा है। किसी नेता का जन्मदिन हो या आगमन शहर के प्रमुख मार्गों पर नेताओं के बड़े-बड़े कटआउट व होडिंग्स नजर आने लगते हैं। डिवाइडरों पर नेता अपने होडिंग्स व पोस्टर लगा देते हैं। जिसके कारण शहर की सुदंरता और पार्टी की छवि दोनों खराब होते हैं। इन होडिंग्स पर वाहन चालकों की नजर जाने से हादसे की भी आशंका रहती है। प्रदेश भाजपा संगठन ने कार्यकर्ताओं को होडिंग्स नहीं लगाने की नसीहत दी है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा सभी नेताओं, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के लिए गाइड लाइन जारी कर कहा है कि वे सड़कों पद बड़े-बड़े होडिंग्स न लगाएं। प्रदेश अध्यक्ष ने नेताओं व कार्यकर्ताओं को समझाइश दी है कि जनकल्याणकारी कार्य करने व लोगों के बीच जाने से नेता की छवि बनती है, न कि शहर में बड़ा होडिंग्स लगाने से बनती है। प्रदेश अध्यक्ष ने होडिंग्स लगाने के संबंध में प्रदेश के कार्यकर्ताओं को गाइड लाइन जारी करने के संकेत दिए हैं।
छोटे- बड़े नेताओं के होडिंग्स से शहर पाट दिया जाता हैं
पिछले कुछ दिनों से सियासी दलों में होडिंग्स लगाने की नई संस्कृति ने जन्म लिया है। सत्तारूढ़ दल होने के कारण भाजपा होडिंग्स वॉर में आगे हैं। नेता के जन्मदिन पर समर्थक अपने नेताओं के बड़े-बड़े कटआउट व होडिंग्स लगा देते हैं। इस होडिंग्स संस्कृति से गुटबाजी भी साफतौर पर सड़कों पर नजर आती है। कौन सा कार्यकर्ता किस नेता का समर्थक है, इसका अंदाजा भी होडिंग्स से नजर आता है।
होडिंग्स संचालकों को मिलेगी राहत
होडिंग्स संस्कृति से सबसे अधिक नुकसान होडिंग्स संचालकों को होता है। क्योंकि रात को किसी कंपनी का विज्ञापन होता है और सुबह नेताजी के होर्डिंग्स लटके नजर आते हैं। राजनीति से जुड़े लोग होडिंग्स संचालक से अपना बैनर लगाने की अनुमति लेना भी मुनासिब नहीं समझते हैं। अगर भाजपा प्रदेश नेतृत्व से होडिंग्स के संबंध में कोई गाइड लाइन जारी होती है तो होडिंग्स संचालकों को बड़ी राहत मिल सकती है।