जबलपुर,करीब पांच साल पुराना बकाया बिजली बिल जमा नहीं किया गया तो बकायादार को जेल की हवा खानी पड गई। 24 घंटे से ज्यादा जेल में गुजारने के बाद उपभोक्ता के परिजनों ने जब बकाया बिल अदा किया गया तब कहीं जाकर रिहा किया गया। यह मामला जबलपुर के सिहोरा का है जहां न्यायालय ने उपभोक्ता को जेल भेजने के आदेश दिए। बकाया राशि महज 11 हजार रुपये थी। न्यायालय ने कहा कि 5 साल के भीतर उपभोक्ता को लोक अदालत के जरिए समझौते के कई मौके मिले लेकिन उसकी अनदेखी की गई इससे जाहिर होता है कि उसकी मंशा बिल अदा करने की नहीं है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, कार्यपालन अभियंता सिहोरा मोहन सिंह ने बताया कि मझगंवा निवासी हरीश सोनी पर 138 के तहत मामला न्यायालय में लंबित था। पिछले दिनों उस प्रकरण पर न्यायालय ने फैसला देते हुए हरीश को पुलिस अभिरक्षा में भेज दिया। पुलिस गिरफ्तारी के बाद जब परिजनों को इसकी खबर लगी तो उन्होंने आनन-फानन में बकाया बिल भरा। जिसके बाद विभाग ने मामले को वापस लिया। न्यायालय ने कहा कि उपभोक्ता को बकाया बिल भरने के लिए इस अवधि के भीतर कई अवसर थे। लोक अदालत के माध्यम से समझौता किया जा सकत था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। साल में दो से ज्यादा बार लोक अदालत होती है ताकि उपभोक्ता मामलों में समझौता कर सके ऐसा नहीं करने से जाहिर होता है कि उपभोक्ता की रूचि बकाया बिल भरने में नहीं थी। कार्यपालन अभियंता के अनुसार अभी तक ऐसे प्रकरणों में सामान्यत: सुनवाई होती रहती थी। पिछले दिनों उच्च न्यायालय ने 5 साल से पुराने प्रकरणों की सुनवाई तेज करने को कहा हुआ है जिसके बाद ये फैसला आया है। उन्होंने कहा कि ये मामला बिजली बिल बकाया का था ऐसे कई मामले हैं इसके अलावा बिजली चोरी और मीटर छेड़छाड़ से जुड़े प्रकरण में भी लंबे जुर्माने लगे हुए है। 400 से ज्यादा प्रकरण लंबित है। ऐसे मामलों में भी न्यायालय से जल्द आदेश मिलने की उम्मीद है।