बिना लिए-दिए समय-सीमा में कार्य हो, यही सुशासन

भोपाल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नागरिकों को दफ्तरों में बिना लिए-दिए और बिना चक्कर लगाए निश्चित समय-सीमा में सेवा प्राप्त हो, यही सुशासन है। इसी उद्देश्य से दस वर्ष पूर्व मध्यप्रदेश में लोक सेवा प्रबंधन विभाग गठित कर नागरिकों को सेवाओं का प्रदाय शुरू किया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इससे नागरिकों के समानता के अधिकार की भी रक्षा हुई है। उन्हें किसी कार्य के लिए परेशान नहीं होना पड़ता है। मध्यप्रदेश से अन्य राज्य भी प्रेरणा लेकर ऐसा कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज से प्रदेश में सी.एम. सेवा 181 के माध्यम से फोन द्वारा ही सेवाएँ प्रदाय की जा रही हैं। इसका विस्तार करते हुए अब तीन और सर्वाधिक जन-उपयोगी सेवाएँ खसरा, खतौनी एवं नक्शे की प्रतिलिपि सी.एम. जनसेवा (Beta Version) के माध्यम से प्रदाय की जाएगी। इसके साथ प्रदेश में वॉट्सएप चैटबॉट सर्विस भी शुरू की जा रही है। गत 8-10 माह में भी अनेक नई सेवाएँ शुरू की गई हैं। इस व्यवस्था की जानकारी जन-प्रतिनिधियों द्वारा भी प्रचारित की जाए जिससे अधिक से अधिक लोग सेवाओं का लाभ ले सकें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान मिंटो हाल में ‘लोक सेवा एवं सुशासन के क्षेत्र में बढ़ते कदम’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम मध्यप्रदेश में लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम के सफलतम 10 वर्ष पूरे होने पर आयोजित किया गया। इस अवसर पर श्रेष्ठ कार्य करने वाले कलेक्टर्स और अन्य अधिकारी पुरस्कृत किए गए। सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री अरविन्द सिंह भदौरिया और लोक निर्माण राज्य मंत्री सुरेश धाकड़ भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि लोकतंत्र में सबसे बड़ी जनता है। मध्यप्रदेश मेरा मंदिर है और यहाँ की जनता मेरे लिए भगवान है। इस मंदिर का पुजारी शिवराज सिंह चौहान है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्रेष्ठ कार्य के लिए पुरस्कृत अधिकारियों को बधाई देते हुए अधिकारी वर्ग से आव्हान किया कि वे उपलब्ध सेवाओं के संबंध में नागरिकों को अवगत करवायें। पूरी क्षमता के साथ टीम भावना से कार्य कर आमजन को ईंधन, ऊर्जा, समय, राशि आदि के अपव्यय से बचाकर बिना परेशान हुए आवश्यक सेवाएँ प्रदान करवाई जाएं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कर्त्तव्यनिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों से व्यवस्था दुरुस्त हो जाती है। जनता को दिक्कत -परेशानी देने वाले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। इस उद्देश्य से ही पब्लिक सर्विस डिलेवरी गारंटी कानून बनाया गया है। यह भी व्यवस्था की गई कि तय वक्त में काम न करने वाले अधिकारियों पर जुर्माना किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अधिकारियों से कहा कि इस व्यवस्था की निरंतर मॉनिटरिंग करने से आम नागरिकों को बेहतर सुविधाएँ दी जा सकेंगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि लोकतंत्र में सेवा भाव सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। मध्यप्रदेश में जब लोक सेवाओं का प्रदाय प्रारंभ किया गया, तब कुछ ही सेवाएँ प्राप्त हो पाती थी। आज इनकी संख्या बढ़कर करीब 500 हो गई है। लोक सेवा गारंटी अधिनियम आमजन के लिए कारगर सिद्ध हुआ है। लोक सेवा केन्द्र समय-सीमा में कार्यों का निपटारा कर रहे हैं। समाधान ऑनलाइन की व्यवस्था भी पुन: प्रारंभ की गई है। इसके अंतर्गत चिन्हित समस्याओं का राज्य स्तर के अधिकारियों और संबंधित जिले के अधिकारियों की उपस्थिति में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से निराकरण किया जाता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आव्हान किया कि कलेक्टर्स सुशासन के लिए इन सभी व्यवस्थाओं को पुख्ता बनाए रखें। सी.एम. डैशबोर्ड के माध्यम से अब एक नया माध्यम आमजन को उपलब्ध होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इंदौर नगर निगम आयुक्त श्रीमती प्रतिभा पाल द्वारा प्रसव के कुछ दिन पहले तक और प्रसव के दस दिन बाद ही अपने दायित्व के निर्वहन के लिए सजग और सक्रिय रहने की प्रशंसा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक प्रेरक उदाहरण है। अन्य अधिकारी इसी तरह सेवाभाव से अपनी जिम्मेदारी को निभाएं।

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