इंदौर, भाजपा सरकार में राज्य मंत्री का दर्जा पाने वाले और कमलनाथ सरकार में सुर्खियों में रहने वाले कंप्यूटर बाबा नवबंर माह में अलग-अलग आपराधिक मामलों के सामने आने के बाद फिलहाल अज्ञातवास पर है हालांकि बीच में खबरे आई थी कि वो हरिद्वार में है। इसी बीच अब कम्प्यूटर बाबा के शागिर्द ड्राइवर ने बाबा की खिलाफत कर कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं जिसके बाद कंप्यूटर बाबा के साथ-साथ कई सवाल प्रशासनिक अधिकारियों और राजनेताओं पर भी उठना लाजिमी है।
दरअसल, इंदौर के इदरीश नगर मूसाखेड़ी में रहने वाले कंप्यूटर बाबा के शागिर्द रमेश सिंह तोमर ने इंदौर के डीआईजी कार्यालय में लापता कंप्यूटर बाबा से कार के 40 हजार प्रतिमाह के हिसाब से कुल 3 लाख 60 हजार रुपये दिलवाने की मांग की है। रमेश सिंह तोमर ने शिकायत में कहा है कि उनकी कार का इस्तेमाल कंप्यूटर बाबा करते थे और 40 हजार रुपये प्रतिमाह के हिसाब से 9 माह का किराया बाबा ने नहीं दिया है और ऐसे में किश्त पर उठाई गई कार को किश्ते चुकाने में उन्हें बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। तोमर की माने तो उन्हें विश्वास है पुलिस उनकी सहायता जरूर करेगी।
बता दें कि कंप्यूटर बाबा पर कार्रवाई के बाद प्रशासन और निगम ने शागिर्द ड्राईवर रमेश सिंह तोमर के मूसाखेड़ी स्थित निवास को ध्वस्त कर दिया था जिससे तोमर नाराज जरूर है और उन्होंने कहा कि शहरभर की कालोनियां और मकान अवैध है ऐसे में निगम को उन पर भी कार्रवाई करनी चाहिये। खास बात यह कि किसी समय शागिर्द ड्राईवर रमेश सिंह तोमर एक समय कंप्यूटर बाबा की परछाई के रूप में साथ में रहता था और आज मीडिया के सामने उसने खुलासा किया कि कम्प्यूटर बाबा का असली नाम नामदेव दास त्यागी नहीं बल्कि रमाशंकर पटेल है जिसकी जानकारी पूरे भारत मे किसी को नहीं है और वो मूलतः जबलपुर के बरेला गांव में रहते थे इतना ही कंप्यूटर बाबा पहले पेशे से मास्टर (शिक्षक) थे और उनकी शादी नहीं हुई है।
तोमर ने बताया कि बाबा के पास करीब 20 करोड़ रुपये की संपत्ति है और उसमें से चेले राजा यादव के नाम 2 करोड़, गोविंद पटेल के नाम 5 करोड़ की संपत्ति है। वही बाबा के सगे भाई हरिशंकर पटेल की बरेला जबलपुर में बहुत बड़ी कालोनी के मालिक है। भतीजे अरुण पटेल का हॉस्पिटल है जो अभी बना है। रमेश तोमर ने खुलासा कर बताया कि इंदौर में कंप्यूटर बाबा के नाम कोई प्रॉपर्टी नहीं है उनकी बेशकीमती प्रॉपर्टी तो ग्राम भोरांस रायसेन में है। इसके अलावा चित्रकूट में एक निर्माणाधीन आश्रम है। इंदौर में कही भी प्रॉपर्टी नहीं है और सांवेर में जो रजिस्ट्री मिली थी वो प्रॉपर्टी पहले ही बिक चुकी थी। रमेश तोमर ने इंदौर में बताया कि बाबा के आश्रम पर अच्छे नेता, अधिकारी और बड़े बिल्डर नतमस्तक थे। इतना ही नहीं बाबा के चेले रामबाबू यादव सिलवानी रायसेन, गोविंद पटेल सिलवानी रायसेन और राजा यादव ग्राम सुल्तानगंज जिला रायसेन को एक ही दिन में रायसेन के तत्कालीन कलेक्टर ने सितंबर 2020 में कंप्यूटर बाबा के कहने पर तीनों की बंदूक के लायसेंस भी दे दिए थे।
कुल मिलाकर कोरोड़ों की प्रॉपर्टी के मालिक कंप्यूटर बाबा उर्फ नामदेव दास त्यागी उर्फ रमाशंकर पटेल फिलहाल कहां है इसकी जानकारी तो किसी के पास नहीं है लेकिन तोमर के हिसाब से वो जबलपुर के बरेला में ही है। फिलहाल, इस पूरे मामले पर ये ही कहा जा सकता है कि वक्त इंसान पर ऐसा भी कभी आता है, राह में छोड़कर साया भी चला जाता है और अब बाबा का शागिर्द ड्राईवर बाबा से कार के किराये के 3 लाख रुपये लेने के पुलिस की शरण में है और एक समय था कि बाबा के कहने पर रमेश तोमर अलग अलग रूप धारण कर बाबा की हर इच्छा को पूरी करने के लिये तैयार रहता था। फिलहाल, बाबा के सितारे गर्दिश में है और शागिर्द पूरे शबाव पर बाबा के लिए बवंडर खड़े कर रहे है।