भोपाल, मध्यप्रदेश में सभी जिलों में स्वास्थ्य कर्मियों सहित कर्मचारियों की छुट्टियां निरस्त कर दी गई है। प्रदेश के सभी जिलों के सिविल सर्जन और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को सभी कर्मचारियों की छुट्टियां निरस्त करने के निर्देश दिये गये हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की तरफ से बताया गया है कि स्वास्थ्यकर्मियों और कर्मचारियों की जरूरत कोरोना टीकाकरण के लिये है।
मध्य प्रदेश में पहले चरण के टीकाकरण अभियान में 10 फीसदी कर्मचारी पहले दिन छुट्टी पर थे इसी वजह से वह टीकाकरण में शामिल नहीं हो सके थे। अब इन लोगों का टीकाकरण करने के लिये अलग से तारीख की घोषणा करनी होगी। इस मामले के सामने आने के बाद अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने सभी जिले के स्वास्थ्य अधिकारी और कर्मचारियों की छुट्टियां निरस्त करने के निर्देश दिये हैं। प्रदेश राज्य के टीकाकरण अधिकारी संतोष शुक्ला की माने तो पहले चरण में 10 फीसदी से अधिक कर्मचारी छुट्टी पर थे। जिसकी वजह से पहले दिन उन्हें टीका नहीं लगाया जा सका इसलिये अब वैक्सीनेशन के लिये स्वास्थ्य कर्मियों सहित पहली पंक्ति के कर्मचारियों की छुट्टियां निरस्त की गई हैं।
प्रथम चरण में 4.17 लाख हेल्थ वर्कर्स का वैक्सीनेशन
मध्यप्रदेश में प्रथम चरण में लगभग 4 लाख 17 हजार हेल्थ केयर वर्कर्स को चरणबद्ध तरीके से वैक्सीनेट किया जाएगा। शुरू के पहले हफ्ते में 150 स्वास्थ्य संस्थाओं पर लगभग 57 हजार हेल्थ केयर वर्कर्स, दूसरे हफ्ते में 177 स्वास्थ्य संस्थाओं से संबद्ध लगभग 55 हजार हेल्थ केयर वर्कर्स का वैक्सीनेशन किया जाएगा। इन्हीं हेल्थ केयर वर्कर्स को 28 दिवस के बाद दूसरी डोज भी लगाई जाएगी। चरणबद्ध तरीके से प्रदेश के सभी 4 लाख 17 हजार हेल्थ केयर वर्कर्स का समयबद्ध वैक्सीनेशन सुनिश्चित किया जायेगा।
प्रथम चरण में मिले 5 लाख 6 हजार से अधिक डोज
प्रदेश को प्रथम चरण में कोविशील्ड वैक्सीन के 5 लाख 6 हजार 500 डोज प्राप्त हो चुके हैं। यह वैक्सीन सभी जिलों को आवश्यकतानुसार आवंटित की गई है। यह वैक्सीन राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार के हेल्थ केयर वर्कर्स, प्राइवेट संस्थाओं के हेल्थ केयर वर्कर्स एवं आम्र्ड फोर्स के हेल्थ केयर वर्कर्स के लिये उपलब्ध कराई जा रही है। प्रत्येक सेशन साइट पर 3 कमरों की व्यवस्था होगी – वेटिंग हॉल, वैक्सीनेशन कमरा, ऑब्जर्वेशन कमरा। इसके अतिरिक्त प्रत्येक साइट पर पानी पीने की व्यवस्था, शौचालय, आवश्यक संसाधन जैसे- सीरिंज, मास्क, सेनेटाइजर एवं बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था की जायेगी।