नई दिल्ली, लाखों रुपए की रिश्वत लेकर आरोपियों को फायदा पहुंचाने के आरोप में सीबीआई में तैनात डीएसपी आरके ऋषि और इंस्पेक्टर कपिल धनखड़ को सीबीआई ने निलंबित कर दिया है। सीबीआई में तैनात डीएसपी आरके ऋषि और इंस्पेक्टर कपिल धनखड़ को 55 लाख रुपये बतौर रिश्वत दिए गए थे, जिनमें से 30 लाख रुपये आरके ऋषि और 25 लाख रुपये कपिल धनखड़ को दिये गए थे। ये रिश्वत बैंको के साथ धोखाधड़ी के मामले में फंसी 3 कंपनियों ने इन्हें केस की जांच से जुड़ी अहम जानकारियां मुहैया करवाने के नाम पर दी थी।
इस मामले में शामिल दोनों डीएसपी पर कार्रवाई के लिए मंत्रालय को पत्र लिखा गया है। ध्यान रहे कि सीबीआई ने इस मामले में दो दिन पहले अपने ही विभाग के चार अधिकारियों कर्मचारियों समेत निजी कंपनियों के ठिकानों को मिलाकर कुल 14 जगहों पर छापेमारी की थी।
दोनों अधिकारी साल 2018 से बैंक फ्रॉड मामलों में आरोपी कंपनियों को केस से जुड़ी गोपनीय जानकारियां लीक कर राहत दिलाने के नाम पर रिश्वत का खेल खेल रहे थे।
सीबीआई ने इस रैकेट से जुड़े 9 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी जिनमें ग़ाज़ियाबाद में सीबीआई अकेडमी में तैनात डीएसपी आरके ऋषि, बैंक सिक्योरिटी एंड फ्रॉड सेल में तैनात इंसपेक्टर कपिल धनखड़, स्पेशल क्राइम यूनिट में तैनात डीएसपी आरके सांगवान, बैंक सिक्योरिटी एन्ड फ्रॉड सेल में तैनात स्टेनोग्राफर समीर कुमार सिंह समेत 2 वकीलों अरविंद कुमार गुप्ता, मनोहर मालिक समेत प्राइवेट कंपनियों और उनके मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
सीबीआई के आला अधिकारी ने बताया कि छापे के दौरान जिन 14 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी उनमें से अनेक ठिकानों पर नगदी और अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं। जो दस्तावेज बरामद हुए हैं उनके आंकलन का काम किया जा रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई प्रशासन ने इंस्पेक्टर कपिल धनखड़ और बैंक सिक्योरिटी एंड फ्राड सेल में तैनात स्टेनोग्राफर समीर कुमार सिंह को आज देर शाम निलंबित कर दिया। जबकि इस मामले में शामिल दोनों डीएसपी आरके सांगवान और आरके ऋषि के खिलाफ कार्मिक मंत्रालय को पत्र लिखकर कार्रवाई करने को कहा गया है।