इंदौर, पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर के खिलाफ शिकायत करने वाले डिप्टी रेंजर राम सुरेश दुबे ने कहा कि उन्हें बर्खास्त कर दे या गर्दन कट जाए तो भी वे पंचनामे से मंत्री उषा ठाकुर का नाम नहीं हटायेंगे।
महू रेंज के डिप्टी रेंजर रामसुरेश दुबे के आवेदन को लेकर वन विभाग और पुलिस ने दूरी बना ली। सीसीएफ की टीम बड़गोंदा पहुंची तो थी, परंतु दुबे के बयान नहीं लिए हैं। जमीन और जेसीबी पर मामला अटका दिया है। शिकायत करने वाले जंगल अफसर ने मंत्री उषा ठाकुर का नाम पंचनामे में भी लिखा था और जो आवेदन तैयार किया था, उसमें भी दुबे ने कहा कि मैं दबाव से डरने वाला नहीं हूं। मुझे नौकरी की भी परवाह नहीं है। कभी भी बर्खास्त कर सकते हैं। सत्य की लड़ाई में, मैं किसी से डरूंगा नहीं, भले ही मेरी गर्दन कट जाए। गीता के श्लोकों को धारण कर रखा है और श्रीकृष्ण के बताए मार्ग पर चलने वाला हूं। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से जब्त जेसीबी और ट्रैक्टर-ट्राली ले गए थे, उसका ब्यौरा दे चुका हूं। आज फिर मौके पर जाऊंगा और टीम को हकीकत बताऊंगा। पुलिस आवेदन क्यों नहीं दे रही है ये मुझे नहीं पता, परंतु पीछे हटने वालों में से नहीं हूं। आखिरी दम तक लड़ूंगा। बडगोंदा के मामले में किरकिरी होने के बाद मंत्रियों की खामोशी है। मुद्दे ने तुल पकड़ लिया है कि अभी कोई बयान देने की हालात में नहीं है।