केंद्र मप्र की बड़ी परियोजनाओं के लिए 660 करोड़ अतिरिक्त देगा

भोपाल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने 31 मार्च 2021 तक प्रदेश में बड़े प्रोजेक्ट जो पूरे हो सकते हैं, इसके लिए राशि जल्द रिलीज करने की मांग वित्त मंत्री से की। केंद्र सरकार परफॉर्मेंस के आधार पर राज्यों को राशि स्वीकृत करती है। मप्र ने केंद्र की योजनाओं के क्रियान्वयन में बेहतर प्रदर्शन किया है। इस हिसाब से मप्र ने केंद्र से 1600 करोड़ रुपए मांगे थे, लेकिन इसमें से 660 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए।
मुख्यमंत्री ने बताया कि मप्र को 660 में से 330 करोड़ रुपए मिल चुके हैं, लेकिन शेष राशि जल्दी ही रिलीज किए जाने का आश्वासन वित्त मंत्री ने दिया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इसके अतिरिक्त 660 करोड़ रुपए और मांगे हैं। इसे लेकर भी वित्त मंत्री ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। यह राशि भी मप्र को जल्द मिल जाएगी।
कोरोना ने आर्थिक कमर तोड़ी
मुख्यमंत्री ने कहा, कोरोना ने केवल केंद्र की ही नहीं, बल्कि राज्यों की आर्थिक कमर तोड़ी है। हर साल राजस्व में 10 से 12 प्रतिशत की वृद्धि की जाती है, लेकिन मौजूदा वित्तीय वर्ष में राज्य को करीब 7 हजार करोड़ रुपए कम राजस्व मिला है। इसी तरह केंद्र से जीएसटी में राज्य की हिस्सेदारी का 6900 करोड़ रुपए कम मिला है। इसे लेकर भी हमने वित्त मंत्री से बात की है।
अतिरिक्त लोन की अनुमति मांगी
मुख्यमंत्री के अनुसार मप्र ने जीडीपी का 1प्रतिशत अतिरिक्त लोन की अनुमति देने की मांग की है। उन्होंने बताया, आत्म निर्भर भारत की योजनाओं के क्रियान्वयन में चार तरह के सुधार करने पर अतिरिक्त लोन लेने की पात्रता है। हर सुधार पर राज्य की जीडीपी का 0.25 प्रतिशत लोन के हिसाब से मप्र द्वारा सुधार करने एवज में 0.75 प्रतिशत लोन मिल गया है। शेष 0.25 प्रतिशत लोन की स्वीकृति देने की बात वित्त मंत्री ने कही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र की योजनाओं के क्रियान्वयन में मप्र का परफार्मेंस अन्य राज्यों से बेहतर है। ऐसे में हमने 1 प्रतिशत अतिरिक्त लोन की मंजूरी देने की मांग वित्त मंत्री से की है।
बैंक निरस्त कर रहे प्रकरण
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र की योजनाओं में मध्य प्रदेश ने बेहतर परफॉर्म किया है। पीएम फंड की योजनाओं में हम नंबर एक दो पर हैं। दिक्कत यह है कि बैंक प्रकरण निरस्त कर देते हैं। वजह यह है कि सिविल रेटिंग नहीं होना, लेकिन गरीब के पास रेटिंग नहीं होती है। इसे लेकर वित्त मंत्री से बात की है, स्ट्रीट वेंडर्स स्कीम के लिए बैंक नियम को शिथिल करें। उन्होंने आश्वासन दिया है कि वे बैंकों से बात करेंगी।

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