जहरीली शराब से मौतों के बाद मुरैना के कलेक्टर और एसपी को हटाया, एसडीओपी निलंबित

भोपाल, जहरीली शराब पीने से मुरैना में हुई मौतों के मामले में बुधवार को मुख्यमंत्री ने मुरैना के कलेक्टर अनुराग वर्मा और एसपी अनुराग सुजानिया को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। साथ ही एसडीओपी सुरजीत भदौरिया को निलंबित कर दिया है। जिले में मौतों का सिलसिला अभी थमने का नाम नहीं ले रहा। जिले में मृतकों की संख्या 22 तक पहुंच गई है। जबकि 17 लोगों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।
मुख्यमंत्री ने बुधवार को जहरीली शराब की घटना को लेकर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई और बैठक में सीएम ने कहा मुरैना की घटना अमानवीय और तकलीफ पहुंचाने वाली है। मिलावट के विरुद्ध अभियान संचालित है, फिर भी प्रदेश में इस तरह की घटना दुखद है। बैठक में सीएम ने मुरैना कलेक्टर और एसपी को हटाने के निर्देश दिए। साथ कहा कि पूरे मामले की जांच की जाएगी। ऐसे मामलों में अगर कलेक्टर एसपी दोषी होंगे तो एक्शन लिया जाएगा, मैं मूक दर्शक नहीं रह सकता। सीएम ने कहा कि शराब व्यवसाय पर कड़ी निगरानी हो। आबकारी अमला तैनात होना चाहिये। बैठक में गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, मुख्य सचिव, डीजीपी मौजूद थे। इस बीच सरकार ने कलेक्टर डिण्डोरी बक्की कार्तिकेयन को कलेक्टर मुरैना पदस्थ किया है। इसी प्रकार कलेक्टर मुरैना अनुराग वर्मा को उप सचिव मध्यप्रदेश शासन पदस्थ किया गया है।उधर, एक अन्य आदेश में सुनील कुमार पाण्डेय सेनानी 25वीं वाहिनी, विशेष सशस्त्र बल भोपाल को अस्थाई रूप से आगामी आदेश तक पुलिस अधीक्षक जिला मुरैना पदस्थ किया गया है।
पहले इन पर हुई कार्रवाई
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मंगलवार को घटना पर संज्ञान लेते हुए कहा कि घटना में प्रथमदृष्टया सुपरविजन के लापरवाही पाए जाने पर, जिला आबकारी अधिकारी मुरैना को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया था, साथ ही मुरैना एसपी अनुराग सुजानिया ने तीन पुलिस कर्मियों अविनाश सिंह राठौर, उप-निरीक्षक थाना बागचीनी, राजेश गर्ग उप-निरीक्षक ग्राम छैरा मानपुर रामवरन सिंह, प्रधान आरक्षक थाना बागचीनी को निलंबित कर दिया।
अवैध शराब से मौत पर इनको बनाया आरोपी
अवैध शराब के कारोबार से जुड़े आरोपियों में गिर्राज किरार, राजू किरार, पप्पू पंडित, कल्ला पंडित, रामवीर राठौर, प्रदीप राठौर निवासी ग्राम मानपुर, थाना बागचीनी एवं मुकेश पुत्र भोगीराम किरार निवासी ग्राम छैरा थाना बागचीनी के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या की धारा 304 के साथ आबकारी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। जिला पुलिस बल, एफएसएल टीम तो जांच कर रहे हैं, एक उच्च स्तरीय जांच दल भोपाल से भी भेजा जाएगा। ग्रामीणों ने पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों के सामने कहा कि मानपुर में राजू किरार व उसका पिता गिर्राज किरार शराब बनाते हैं और उस शराब को पप्पू पंडित, कल्ला पंडित और रामवीर राठौर, प्रदीप राठौर बेचते हैं। इनके यहां गांव के अलावा दूर से लोग शराब लेने आते हैं। ग्रामीणों ने खुलेआम आरोप लगाया कि छैरा, मानपुर सहित आसपास के गांवों में बागचीनी पुलिस की मिलीभगत से जुआ व अवैध शराब का कारोबार बड़े स्तर पर हो रहा है। कई बार शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
राजस्थान में 2 की मौत
8 लोगों की आंखों की रौशनी पर असर
राजस्थान के भरतपुर जिले के रूपवास थाना क्षेत्र के चक सामरी गांव में बुधवार को जहरीली शराब पीने से 2 लोगों की मौत हो गई। आठ लोगों को दिखना बंद हो गया। गंभीर हालत होने पर उन्हें भरतपुर रैफर किया गया है। मृतकों में सरपंच का भाई भी शामिल है। जानकारी के अनुसार गांव में बीती रात को कुछ लोगों ने शराब पी थी। सुबह होते-होते उनकी हालत बिगड़ गई। उल्टी-दस्त के साथ उनका सिर चकराने लगा। इस पर उन्हें पास के अस्पताल ले जाया गया जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हेंं भरतपुर रैफर कर दिया गया। सूचना पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी अस्पताल पहुंचे।
अवैध शराब पर रोक बेअसर
प्रदेश में पिछले नौ महीने में जहरीली शराब से 38 मौत हो चुकी हैं। लगातार हो रही घटनाओं के बावजूद सरकारी तंत्र शराब के अवैध कारोबार को रोकने में नाकाम रहा है। इससे पहले 15 अक्टूबर को उज्जैन में जहरीली शराब से 14 लोगों की जान गई थी, उसके बाद प्रदेशभर में देसी शराब के अवैध कारखानों पर छापे मारे गए, लेकिन पिछले एक हफ्ते में ही प्रदेश में जहरीली शराब से मरने और बीमार पडऩे की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
जहरीली शराब से लगातार मौतें
7 जनवरी 2021: खरगोन के देवला गांव में 2 मौतें
11 जनवरी 2021: मुरैना में 16 मौतें
13 जनवरी 2021: मुरैना में 4 मौतें
2 मई 2020: रतलाम के पचेड़ और भड़वासा गांव में 4 मौतें
6 सितंबर 2020: दिवानिया गांव में 2 मौतें
15 अक्टूबर 2020: उज्जैन में 14 मजदूरों की मौत

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