मप्र में पंचायतों की व्यवस्था के साथ जुड़ेंगी लघुवनोपज

भोपाल, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मनोज श्रीवास्तव की अध्यक्षता में लघु वनोपज के उत्पाद, उपार्जन संबंधी वर्तमान नीति में संशोधन संबंधी गठित समिति की बैठक विन्ध्याचल भवन में सम्पन्न हुई।
बैठक में मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि लघु वनोपज के उत्पादों से संबंधित सतस्त बिन्दुओं यथा, उत्पादन, उपार्जन, विपणन इत्यादि पर ग्राम सभाओं का इन उत्पादों पर प्रथम अधिकार की वर्तमान नीति का समग्र रूप से परीक्षण कर उसमें आवश्यक सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश वन विभाग को समन्वयक और लघु वनोपज संघ की प्रबंध संचालक को सदस्य नियुक्त किया गया है।
बैठक में ग्राम सभा की शक्तियां और कृत्य और वार्षिक सम्मिलन संबंधी जानकारी दी गई। बैठक में सुझाव दिया गया कि लघु वनोपज को ग्राम सभा से जोड़ा जायेगा। ग्राम के आर्थिक विकास के लिए ऐसी स्कीमों की पहचान तथा उनकी प्राथमिकता के सिद्धांतों को अधिकथित करना सामाजिक तथा आर्थिक विकास के लिये ऐसी योजनाएँ, जिसमें समस्त वार्षिक योजनायें सम्मिलित हैं। कार्यक्रमों तथा परियोजनाओं को ग्राम पंचायत द्वारा क्रियान्वयन किया जाएगा।
बैठक में लघु वनोपज के उत्पाद के लिये स्वयं सेवी संस्था के सहयोग की आवश्यकता है। संग्राहकों को हाट बाजार तैयार करने के लिए सहयोग कर रहे है। जीपीडीपी प्लान बनाया जा रहा है। लघु वनोपज की उपलब्धता कम हो रही है। तेन्दूपत्ता नीति में संशोधन किया जायेगा। आंवला का उत्पादन कम हुआ है, इसके लिये समुदाय को जोड़ना होगा। ग्राम के 300 लोगों को समूह बनाया जाए। प्रधानमंत्री वन-धन योजना संचालित है। योजना का उद्देश्य वन क्षेत्र का विकास करना है।
मध्यप्रदेश में तीन चार ग्राम का कलस्टर बनेगा। इसमें वनवासी कल्याण परिषद भी सहयोग करेगी। ग्राम सभा में उपस्थिति को बढ़ाया जायेगा। इसमें वन विभाग भागीदारी नहीं निभायेगा तब तक कुछ नही हो सकता।
बैठक में विधायक संजय शाह, महेश कोरी, जिला लघु वनोपज संघ सागर, रामनारायण साहू, जिला लघु वनोपज संघ सीहोर, गिरीश कुवरे, अखिल भारतीय हितरसा प्रमुख, अशोक वर्णमाल, प्रमुख सचिव वन और श्रीमती पल्लवी जैन उपस्थित थे।

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