मुरादनगर हादसे में मोर्चरी में पड़ गई जगह कम, बर्न वार्ड में रखे गए शव 

गाजियाबाद, गाजियाबाद शमशान हादसे में मरने वालों के शव एमएमजी अस्पताल में उतरते देख हर किसी का दिल कांप उठा। तत्काल जिला एमएमजी अस्पताल में मेडिकल स्टाफ को बुला लिया गया है। इमरजेंसी में डॉक्टर घायलों के आने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन एंबुलेंस आनी शुरू हुई तो इनमें से 23 लोग दम तोड़ चुके थे। पहले कुछ शव आईटीएस के सूर्या अस्पताल ले जाए गए, लेकिन वहां प्रबंधन ने जगह न होने की बात कही। आननफानन एमएमजी अस्पताल की इमरजेंसी के पीछे बने बर्नवार्ड को अस्थाई मोर्चरी में तब्दील कर दिया। इमरजेंसी के सामने शव उतारकर स्ट्रेचर से मोर्चरी तक पहुंचाए गए।
सुबह लगभग 11 बजे मुरादनगर हादसे की सूचना मिली थी। अस्पताल में घायलों के उपचार की व्यवस्था करने के निर्देश प्रशासन की ओर से दिए गए। अस्पताल के सभी सीनियर डॉक्टरों को तुरंत अस्पताल पहुंचने के निर्देश दिए गए। इनमें फिजीशियन, आर्थोपेडिक सर्जन, कार्डियोलॉजिस्ट और ईएमओ इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर शामिल थे। इसके अलावा इमरजेंसी वॉर्ड में अतिरिक्त स्टाफ की तैनाती की गई, जिससे घायलों के उपचार में किसी तरह की परेशानी ना हो। लगभग एक बजे से अस्पताल में घायलों के आने का सिलसिला शुरू हुआ जो शाम पांच बजे तक चलता रहा। चार शव सीएचसी मुरादनगर भेजे गए। बाद में सभी शव एमएमजी अस्पताल ले जाकर वहां बर्न वार्ड में बनाई गई अस्थाई मोर्चरी में रखे गए। पोस्टमार्टम करने के लिए चार डॉक्टरों की टीम लगाई गई। डीएम अजयशंकर पांडेय ने डॉक्टरों की टीम बढ़ाने के लिए कहा, लेकिन सीएमओ डा. एनके गुप्ता ने बताया कि एक बार में एक ही शव रखने के लिए प्लेटफार्म बना है। इसलिए डॉक्टरों की टीम बढ़ाने से कोई फायदा नहीं है, इसके बाद चार डॉक्टर लगाए गए। शाम को सात बजे पहले शव का पोस्टमार्टम किया गया। शाम करीब सात बजे शवों का पोस्टमार्टम शुरू हुआ जो देर रात 12 बजे तक चलने की संभावना है।

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