इस साल 16 % तक सस्ता हुआ क्रूड, पर पेट्रोल-डीजल के दाम में नहीं मिली राहत

नई ‎दिल्ली, साल 2020 में कच्चे तेल की कीमतें भले ही सस्ती रही रही लेकिन पेट्रोल और डीजल की कीमतों से आम आदमी को राहत नहीं मिली। पूरे साल कीमतें या तो बढ़ीं या स्थिर बनी रही हैं। कभी-कभी कीमतों में मामूली कटौती हुई लेकिन देखा जाए तो जहां पूरे साल में क्रूड तकरीबन 16 फीसदी सस्ता हुआ, वहीं पेट्रोल और डीजल की कीमतों में जनवरी से 10 रुपए प्रति लीटर तक बढ़ोत्तरी देखने को मिली। बता दें कि मार्च में लॉकडाउन के बाद जहां क्रूड 20 डॉलर से नीचे खिसक गया था, उस दौर में भी पेट्रोल और डीजल में कटौती नहीं की गई।
इस साल कितना हुआ महंगा हुआ पेट्रोल और डीजल- इस साल जनवरी में दिल्ली में पेट्रोल सबसे कम 73.33 रुपए प्रति लीटर और डीजल 66.34 रुपए प्रति लीटर था। वहीं, 30 दिसंबर 2020 को दिल्ली में पेट्रोल 83.71 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है तो डीजल का भाव 73.87 रुपए प्रति लीटर है यानी पेट्रोल करीब 10 रुपए महंगा हुआ तो डीजल भी करीब 7 रुपए महंगा हो गया है। 31 दिसंबर को पेट्रोल और डीजल का भाव 75.14 रुपए प्रति लीटर और 67.96 रुपए प्रति लीटर था। मार्च में जब लॉकडाउन लगा तो उस महीने पेट्रोल और डीजल का हाई 71.75 रुपए प्रति लीटर और 64.34 रुपए प्रति लीटर था। जबकि लो 69.63 रुपए प्रति लीटर और 62.33 रुपए प्रति लीटर था। जून में तो पेट्रोल और डीजल का हाई 80.47 रुपए प्रति लीटर और 80.53 रुपए प्रति लीटर हो गया यानी डीजल तब पेट्रोल से महंगा बिकने लगा। वहीं दोनों का जून में लो 71.26 रुपए प्रति लीटर और 69.39 रुपए प्रति लीटर रहा।
16 फीसदी सस्ता हुआ कच्चा तेल- इस साल जनवरी के मुकाबले ब्रेंट क्रूड में 16 फीसदी के करीब गिरावट आई है। 31 दिसंबर 2019 को क्रूड 67 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचा। जनवरी में इसके भाव 69 डॉलर तक पहुंच गए। वहीं 29 दिसंबर 2020 को क्रूड 51 डॉलर प्रति बैरल के आसपास रहा। मार्च और अप्रैल के महीनों में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन की वजह से क्रूड में जमकर गिरावट देखने को मिली थी। अप्रैल में ब्रेंट क्रूड के भाव 20 डॉलर प्रति बैरल के नीचे खिसक आए थे। हालांकि बाद के महीनों में इसमें रिकवरी देखने को मिली।
अब क्रूड होने लगा है महंगा- एसएंडपी ग्लोबल प्लाट्स ने अपनी एक एनालिसिस में कहा है कि साल 2021 में वै‎श्विक बाजार में क्रूड की मांग बढ़ेगी। पिछले दिनों कोरोना वायरस के चलते खासतौर से ट्रांसपोर्टेशन की ओर से तेल की मांग ठप हो गई थी, जो अब धीरे धीरे बढ़ रही है। रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 के पहले छमाही तक तेल की जोरदार मांग आएगी। यह 2021 में 6 मिलियन बैरल प्रति दिन के हिसाब से बढ़ सकती है।

 

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