मप्र के तीन दिवसीय विधानसभा सत्र में होगा अध्यक्ष-उपाध्यक्ष का चुनाव

भोपाल, 28 दिसंबर से शुरू हो रहे मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के लिए भाजपा और कांग्रेस अपनी अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं। बीजेपी विधायक दल की बैठक 27 दिसंबर को होने जा रही है। यह बैठक शाम 5:00 बजे मुख्यमंत्री आवास में होगी। उसमें सभी विधायकों को बुलाया गया है। माना जा रहा है कि विधायक दल की बैठक में 28 दिसंबर को शुरू हो रहे विधानसभा सत्र को लेकर रणनीति बनेगी, उधर कांग्रेस ने सत्र के दौरान सरकार को घेरने के लिए रणनीति बनाने पर काम शुरू कर दिया है। कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले ही यह ऐलान कर चुकी है कि किसानों के मुद्दे पर वह विधानसभा का घेराव करेगी। खुद पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ और कांग्रेस के सभी विधायक ट्रैक्टर पर सवार होकर विधानसभा पहुंचेंगे। ऐसे में देखना यह होगा कि आखिरकार सदन में किस की रणनीति किस पर भारी पड़ती है।
घर से ही जुड़ेंगे विधायक
विधानसभा शीतकालीन सत्र की पूरी तैयारी विधानसभा ने कर ली है। पहली बार विधायक मोबाइल में एक्सेस लेकर अपने घर से ही सत्र में भाग ले पाएंगे। कोरोना को देखते हुए इस बार आम सहमति के आधार पर सदन चलाया जाएगा। सर्वदलीय बैठक में इसका स्वरूप स्पष्ट हो जाएगा। विधानसभा सचिवालय ने विधायकों की सदन में दोनों तरह से कार्यवाही में भाग लेने के विकल्प पर तैयारी शुरू कर दी है। इस बार वीडियो कॉन्फे्रंसिंग और उपस्थित होकर दोनों तरह से सदन की कार्यवाही में भाग ले पाएंगे।
मंत्री शपथ भी लेंगे
यह सत्र इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार को अपने खर्चे चलाने के लिए अनुपूरक बजट को पास करवाना है। इसके अलावा एक और महत्वपूर्ण लव जिहाद से जुड़ा हुआ विधेयक भी सरकार विधानसभा में लेकर आएगी। हाल ही में हुए उपचुनाव जीतकर आए विधायकों को भी इसी सत्र के दौरान शपथ दिलायी जाएगी। कांग्रेस ने सत्र छोटा होने पर सवाल खड़े किए हैं और कहा है कि सरकार जनहित के मुद्दों पर चर्चा से भाग रही है।
स्पीकर के चुनाव पर संशय
विधानसभा का यह सत्र इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सदन में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव किया जाना है, लेकिन 3 दिन के इस सत्र में क्या स्पीकर का चयन हो पाएगा इस पर अभी भी संशय बरकरार है। माना जा रहा है कि भाजपा विधायक दल की बैठक के दौरान इस मुद्दे पर भी रणनीति बनेगी। मप्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा को बतौर प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया था। उसके बाद कोरोना काल की वजह से काफी वक्त तक सत्र नहीं हो सका। बाद में एक दिन का सत्र बुलाया गया,लेकिन उसमें स्पीकर का चयन नहीं हो सका। शर्मा प्रोटेम स्पीकर के तौर पर पद पर बने रहे। वह प्रोटेम स्पीकर के पद पर सबसे ज्यादा वक्त तक रहने का रिकॉर्ड कायम कर चुके हैं।
इनका कहना है
सत्र में 28 नए विधायकों को शपथ दिलाने, विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव कराने के अलावा धर्म स्वातंत्र्य, दंड विधि, अनुपूरक बजट सहित अन्य प्रमुख महत्वपूर्ण विधेयक प्रस्तुत किए जाएंगे। प्रदेश में संक्रमण को ध्यान में रखते हुए कोरोना की जांच कराई जाएगी। सत्र को लेकर हमारी पूरी तैयारी है। जनप्रतिनिधियों को कोरोना से सुरक्षित रखने के लिए हम इस बार विधायकों को मोबाइल से एक्सेस देकर घर से कार्यवाही में भाग लेने की सुविधा देने पर विचार कर रहे हैं। इसकी तैयारी भी हो गई है।
रामेश्वर शर्मा, प्रोटेम स्पीकर
कमलनाथ अब कहीं की भी राजनीति करें बस मप्र की नहीं करेंगे। वो एमपी के लिए पहले मासिक फिर त्रैमासिक, फिर छमासी और बाद में वार्षिक हो जाएंगे। जब सरकार थी तब कभी खेत में नहीं गए। किसानों के नाम पर ढोंग करना बंद कर दें। सत्य है तो करने में कोई बुराई नहीं। लेकिन टुकड़े-टुकड़े गैंग किसानों को बरगला रही है। इस कानून में काला क्या है। कांग्रेस नेता अभी भी सबक नहीं ले रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि देश के साथ ही मप्र की जनता भी अब इन्हें नकार चुकी है। अब बुजुर्ग कांग्रेस नेताओं को सन्यास ले लेना चाहिए।- डॉ. नरोत्तम मिश्रा, गृहमंत्री

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