मप्र के सरकारी होम्योपैथी कॉलेज में पीजी की अब होंगी 69 सीटें, भोपाल के कालेज में रहेंगी सबसे ज्यादा सीटें

भोपाल,प्रदेश के एकमात्र सरकारी होम्योपैथी कॉलेज में पीजी (एमडी) की सीटें अब 69 हो गई हैं। पूर्व में इस कॉलेज में 55 सीटें थी। पीजी की अब सबसे ज्यादा सीटें राजधानी के इसी कॉलेज में है। देश के किसी भी सरकारी या निजी होम्योपैथी कॉलेज में इतनी सीटें नहीं हैं। यहां पर मनोचिकित्सा, शिशु रोग, मेडिसिन, फार्मेसी, आर्गनल, मैटेरिया मेडिका और गायनी विषय में पीजी कोर्स चल रहा है। इस सत्र से सभी विषयों में भारत सरकार ने पीजी की सीटें बढ़ा दी हैं। इसका फायदा छात्रों के साथ्ा ही मरीजों को भी मिलेगा। यहां भर्ती और ओपीडी में मरीजों के इलाज में मदद के लिए बड़े डॉक्टरों के साथ ही जूनियर डॉक्टर ज्यादा मिल सकेंगे। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसके मिश्रा ने बताया कि सीटें बढ़ने से छात्रों को काफी फायदा होगा। यह प्रदेश का एकमात्र सरकारी होम्योपैथी कॉलेज है। लिहाजा सीटें बढ़ने पर ज्यादा दाखिले हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि कक्षाएं शुरू करने की भी उनकी तैयारी पूरी है, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते मप्र मेडिकल यूनिवर्सिटी और केंद्रीय आयुष मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद ही कक्षाएं शुरू की जाएंगी। एमडी/एमएस आयुर्वेद व होम्योपैथी में दाखिले के लिए काउंसलिंग कार्यक्रम में बदलाव किया गया है। पंजीयन, दस्तावेज सत्यापन और मैरिट सूची के प्रकाशन की अंतिम तारीख अब क्रमश: 26, 28 और 29 दिसंबर कर दी गई है।इसके पहले पंजीयन की आखिरी तारीख 20 दिसंबर, अभिलेख सत्यापन की 21 दिसंबर और मेरिट सूची प्रकाशन की 22 दिसंबर थी। बता दें कि होम्योपैथी समेत सभी तरह की आयुष पीजी में दाखिले की प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा यहां बीएचएमएस (स्नातक कोर्स) की सीटें भी 100 से बढ़कर इस साल से 120 हो गई हैं। इन सीटों पर भी दाखिले की प्रक्रिया चल रही है।

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