वाराणसी ,भोलेनाथ की नगरी काशी में देव दीपावली के भव्य और दिव्य आयोजन के बाद योगी सरकार पीएम नरेंद्र मोदी के इस संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए एक बड़ा प्रयोग करने जा रही है। फरवरी में 60 दिनों के लिए पर्यटन विभाग गंगा के उस पार रेती पर एक टेंट सिटी बसाने जा रही है। इसके लिए स्पेशल पैकेज का प्लान भी बन गया है। वाराणसी में अविरल बहती गंगा के किनारे अर्द्धचंद्राकार बसे करीब साढ़े 11 किमी के घाट के ठाठ देखने पूरी दुनिया से लोग आते हैं। यूं तो गंगा यूपी के दूसरे शहरों में भी बहती है, लेकिन यहां गंगा किनारे बसे घाटों की जिंदगी काशी को पर्यटकों की पहली पसंद बनाता है। यही नहीं, बाबा विश्वनाथ के दरबार, मां अन्नपूर्णा, काल भैरव मंदिर जहां धर्म और आध्यात्म से जोड़ते हैं, वहीं सारनाथ जीवन दर्शन को समझाता है। इन्हीं सब खास विशेषताओं को दिमाग में रखते हुए योगी सरकार ने यहां पर्यटन का नया रोडमैप बनाने का प्लान किया है। जिसके तहत घाट के दूसरे छोर पर रेती में एक टेंट सिटी बसाई जाएगी। जिसे चार रात तीन दिन का विशेष पैकेज भी दिया जाएगा।
इसके पीछे सरकार का मकसद सिर्फ इतना है कि पर्यटकों को लंबे समय तक काशी में रोका जा सके। जिससे काशी के वो पर्यटन स्थल भी पर्यटकों की नजर में आए, जो अब तक उतने विख्यात नहीं हो सके हैं। दूसरा होटल के बजाय गंगा के किनारे रुकना और सुबह उठकर मां जाह्नवी के दर्शन के साथ घाट की सुंदर आभा को निहारना भी नए अनुभव के रूप में शामिल हो। इसके लिए पर्यटन विभाग ने प्रस्ताव बनाकर जिला प्रशासन को सौंप दिया है। जिला प्रशासन ने शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। जल्द ही मंजूरी मिलने के साथ काम शुरू हो जाएगा। पहले कछुआ सैंक्चुअरी के कारण गंगा पार रेती में किसी तरह के आयोजन पर एनजीटी का आदेश आड़े आ रहा था, लेकिन सैंक्चुअरी शिफ्ट होने के बाद ये बंदिश खत्म हो गई है और गंगा पार फैली रेती को पर्यटन का नया केंद्र बनाने की तैयारी है। गौरतलब है कि सात वार नौ त्योहार वाली काशी में इससे पहले भी प्रवासी दिवस पर रिंग रोड के किनारे टेंट सिटी बसाकर पूरी दुनिया के लोगों को सरकार फील गुड करा चुकी है। जिसमे खुद पीएम मोदी यहां पहुंचे थे। इस बार गंगा किनारे टेंट सिटी बसाकर सरकार नया प्रयोग करने जा रही है। ये प्रयोग गुजरात के कच्छ वाले रण उत्सव के तर्ज पर किए जाने की योजना है।