नई दिल्ली, कोविड-19 का असर पूरी दुनिया पर हुआ है। हवाई सेवा भी इस संकट से अछूती नहीं रही है। इस सेक्टर को कोविंड-19 करीब 390 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा है। इसकी जानकारी अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन के हवाले से सामने आई है। इसका गठन शिकागो कंवेंशन 1944 के बाद हुआ था। ये संगठन पूरी दुनिया में हवाई सेवा का न सिर्फ पूरा लेखा-जोखा रखती है, बल्कि इसकी नीतियों को भी तैयार करने में अहम भूमिका निभाती है। अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस पर सामने आई जानकारी में बताया गया है, कि महामारी की वजह से विमान में यात्रियों की संख्या में करीब 51 फीसदी तक की गिरावट आई है।
आईसीएओ के आंकड़े के मुताबिक विश्व के टॉप 15 एयरपोर्ट से जनवरी 2020 के दौरान करीब चार लाख उड़ानें भरी गईं। फरवरी में नई दिल्ली से करीब 20831 विमानों ने 3154265 यात्रियों के साथ उड़ानें भरीं। वहीं मार्च में कुल उड़ान जहां 20753 थीं, वहीं यात्रियों की संख्या 349881 थी। इसके बाद अप्रैल में उड़ान भरने वाले विमानों की कुल संख्या जहां 20163 थी, वहीं यात्रा करने वालों की संख्या 2996579 थी।
बता दें कि दिसंबर 2019 के अंत में कोरोना की शुरुआत चीन के वुहान शहर से हो चुकी थी। जनवरी 2020 के अंत में दुनिया के कई देशों में इसका मार्च के माह में भारत सहित ज्यादातर देशों में इसके मामले सामने आ चुके थे। मार्च तक महामारी ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था।
आईसीएओ के आंकड़ों के मुताबिक फरवरी 2020 में टॉप 15 एयरपोर्ट से भरी जाने वाली उड़ानों में जहां करीब 3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी, वहीं यात्रियों की संख्या में भी लगभग इतनी ही तेजी देखने को मिली थी। लेकिन मई 2020 में जहां विमानों की उड़ानों में 15 फीसदी से अधिक की कमी दर्ज की गई। वहीं यात्रियों की संख्या में ये कमी करीब 49 फीसदी तक पहुंच गई थी। इसी तरह से अगस्त में उड़ानों की संख्या में 41 फीसदी, तब यात्रियों की संख्या में 57 फीसदी तक की गई देखी गई थी।
इसके बाद कुछ देशों में विमान सेवा को कई सुरक्षा के साथ खोला गया था, जिसके चलते न सिर्फ विमानों की उड़ान संख्या में तेजी आई बल्कि यात्रियों की संख्या भी कुछ बढ़ी। इसके बाद ये अपने पहले मुकाम को हासिल नहीं कर सकी और विमानों की संख्या में करीब 29 फीसद तो यात्रियों की संख्या में 41 फीसद तक की कमी दर्ज की गई थी।