भोपाल, कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने 31 मार्च तक स्कूल नहीं खोलने के निर्देश जारी किए है। इस दौरान कक्षा 1 से 8वीं तक की कक्षाएं नहीं लगेंगी। साथ ही 5वीं और 8वीं की बोर्ड परीक्षाएं भी नहीं ली जाएंगी। वहीं, 10वीं और 12वीं की होगी बोर्ड परीक्षाएं ली जाएगी। ये निर्देश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय में स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के कारण प्रदेश में कक्षा 01 से 08 तक की कक्षाएं 31 मार्च तक बंद रहेंगी। आगामी शैक्षणिक सत्र 01 अप्रैल, 2021 से प्रारंभ होगा। कक्षा 01 से 08 तक प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा। कक्षा 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं ली जाएंगी तथा इनकी कक्षाएं शीघ्र प्रारंभ होंगी। कक्षाओं में सोशल डिस्टेंसिंग व अन्य सावधानियों का पूरा पालन किया जाएगा। कक्षा 09 एवं 11 के विद्यार्थियों को सप्ताह में 01 या 02 दिन स्कूल बुलवाया जाएगा। बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव रश्मि अरूण शमी, प्रमुख सचिव मनोज गोविल आदि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में रैडिकल परिवर्तन लाना है, जिससे यहां की शिक्षा सर्वोत्तम हो सके। हमें समाज के सक्रिय सहयोग से हर सरकारी स्कूल को श्रेष्ठ बनाना है। प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में मार्गदर्शन के लिए शिक्षाविदों की एक समिति बनाई जाए। देश के अन्य राज्यों की शिक्षा पद्धति का अध्ययन कर प्रदेश में सर्वश्रेष्ठ शिक्षा पद्धति लागू की जाए। मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि कोविड के चलते जिस अवधि में निजी विद्यालय बंद रहे हैं, वे उस अवधि की ट्यूशन फीस को छोड़कर अन्य शुल्क न लें। इस आदेश को सख्ती से लागू किया जाए। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत पहले चरण में प्रदेश के 1500 शासकीय विद्यालयों में केजी-1 और केजी-2 कक्षाएं प्रारंभ की जाएंगी।
ये निर्देश भी दिए
अगले 03 वर्षों में प्रदेश में खोले जाने वाले उच्च गुणवत्ता वाले 10 हजार स्कूलों के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाएं। इसके लिए वर्षवार विस्तृत कार्ययोजना बनाई जाए।
जो अतिथि शिक्षक अच्छा पढ़ाते हैं, उन्हें अगले वर्ष भी उसी विद्यालय में रखा जाए। प्रतिवर्ष मानदेय वृद्धि का भी प्रावधान किया जाए।
शिक्षकों के स्थानांतरण की एक सुविचारित नीति बनाएं, जिसके तहत कोई विद्यालय शिक्षक विहीन न रहे। प्रारंभ में सभी की पदस्थापना कुछ वर्षों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में की जाए।
– प्रदेश में सुपर 100 योजना के बहुत अच्छे परिणाम आए हैं। वर्ष 2020 में प्रदेश के जी-मेन्स में 95 में से 64, जी-एडवांस में 64 में से 21 तथा नीट में 99 में से 93 बच्चे चयनित हुए हैं।
– शासकीय विद्यालयों में श्रेष्ठ शिक्षण कार्य करने वाले तथा शैक्षणिक गतिविधि में अभिनव प्रयोग करने वाले शिक्षकों को पुरस्कृत किया जाए।
– हर शासकीय विद्यालय में नियमित रूप से पालक-शिक्षक संघ की बैठकें अनिवार्य रूप से आयोजित की जाए। इन बैठकों में कभी-कभी मंत्रीगण भी उपस्थित रहे।