भारतीय मूल के ब्रिटेन के वित्तमंत्री ऋषि सुनक की पत्नी ब्रिटिश महारानी से भी अधिक हैं अमीर

लंदन, भारत की दिग्गज आईटी कंपनियों में शुमार इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद और भारतीय मूल के ब्रिटेन में वित्तमंत्री ऋषि सुनक अपनी संपत्ति बताने में पारदर्शिता न बरतने को लेकर निशाने पर आ गए हैं। ब्रिटेन में मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल के बाद पाकिस्तानी मूल के वित्त मंत्री साजिद जाविद की जगह लेने वाले भारतीय मूल के ऋषि सुनक अब विवादों में घिरते दिख रहे हैं और उनके विवाद का केंद्र बना है सुनक की पत्नी की संपत्ति।
एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया है कि सुनक की पत्नी की संपत्ति ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ से भी ज्यादा है और मंत्री बनते वक्त इसकी जानकारी सुनक ने सरकारी रजिस्टर में दर्ज नहीं कराई है। दरअसल, ब्रिटेन में मंत्री और उनके नजदीकी परिजनों की संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक करने की परंपरा है। लेकिन सुनक ने पत्नी अक्षता मूर्ति की संपत्ति को निर्धारित रजिस्टर में दर्ज नहीं कराया है। अक्षता के पास इंफोसिस और उसकी कई सहायक कंपनियों के शेयर हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सुनक की पत्नी अक्षता के पास करोड़ों पाउंड मूल्य के शेयर और कंपनियों के डायरेक्टर पद हैं। इससे संबंधित जानकारी को मंत्रियों की संपत्ति के रजिस्टर में दर्ज नहीं कराई गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, माना जाता है कि अक्षता के पास इंफोसिस और उसकी सहायक कंपनियों के करीब 430 मिलियन पाउंड (लगभग चार हजार करोड़ रुपए) मूल्य के शेयर हैं। इस लिहाज से वह ब्रिटेन की सबसे अमीर महिला हैं और उनकी संपत्ति ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ से भी ज्यादा है। बता दें कि महारानी के पास 3,500 करोड़ रुपए (350 मिलियन पौंड) की संपत्ति है।
अक्षता मूर्ति की 2009 में सुनक के साथ शादी हुई थी। उनके पिता नारायण मूर्ति भारत की दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस के सह संस्थापक हैं। नारायण मूर्ति हजारों करोड़ रुपए संपत्ति के मालिक हैं। इस संपत्ति का उन्होंने दुनिया के कई देशों में निवेश कर रखा है। बताया जाता है कि ऋषि सुनक के पास 2000 करोड़ रुपए (200 मिलियन पौंड) की संपत्ति है। वे ब्रिटेन के सबसे अमीर सांसद भी हैं। नियमानुसार वित्त मंत्री सुनक अपनी संपत्ति सार्वजनिक करने के लिए बाध्य हैं। यह किसी भी ब्रिटिश मंत्री की पद से जुड़ी बाध्यता है।
ब्रिटेन में मंत्री को यह भी बताना होता है कि उसकी जिम्मेदारियों से उसके हित कहीं टकरा तो नहीं रहे हैं। इसमें सभी नजदीकी रिश्तेदारों से संबंधित जानकारी देना अनिवार्य है। ब्रिटिश नियम के मुताबिक मंत्रियों को अपना,अपने निकट परिजनों, भाई-बहन, माता-पिता, पत्नी और ससुराल पक्ष के वित्तीय हित घोषित करने पड़ते हैं। जबकि सुनक ने सिर्फ अपनी कंपनी की संपत्ति का विवरण दिया है।

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