भोपाल, कुछ दिन पूर्व बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान निवार का असर अभी भी बना हुआ है। उसके प्रभाव से मध्यप्रदेश में हवाओं की रफ्तार बढ़ी हुई है। उधर एक बार फिर बंगाल की खाड़ी में तूफान उठने की हलचल शुरू हो गई है। वर्तमान में बंगाल की खाड़ी में गहरा कम दबाव का क्षेत्र मौजूद है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक इसके धीरे-धीरे और शक्तिशाली होकर चक्रवाती तूफान में तब्दील होने के संकेत मिले हैं। यह तूफान तीन दिसंबर के आसपास तमिलनाडु के तट से टकराएगा। उधर उत्तर भारत की तरफ से लगातार आ रही बर्फीली हवाओं के कारण शुक्रवार से प्रदेश में ठिठुरन बढ़ गई है। इससे ठंड के तेवर तीन-चार दिन में काफी तीखे होने की संभावना है। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि निवार तूफान कमजोर पड़ चुका है, लेकिन उसके असर से प्रदेश में 16 से 18 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। तूफान के कारण मिल रही नमी से पूर्वी मप्र में बादल बने हुए हैं। कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बरसात भी हो रही है। उधर तूफान का असर कम होते ही हवा का रुख बदलकर उत्तरी और उत्तर-पूर्वी हो गया है। उत्तर भारत के पहाड़ों में हाल ही में जबरदस्त बर्फबारी हुई है। इससे वहां कड़ाके की ठंड पड़ रही है। वहां से आने वाली बर्फीली हवाओं ने एक बार फिर राजधानी सहित पूरे प्रदेश में ठिठुरन बढ़ा दी है। अभी तीन-चार दिन तक मौसम शुष्क बने रहने के आसार हैं। साथ ही हवा का रुख भी उत्तरी बने रहने की संभावना है। इस वजह से ठंड के तेवर काफी तीखे हो सकते हैं। अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में गहरा कम दबाव का क्षेत्र मौजूद है। इसके शनिवार शाम तक गहरे अवदाब के क्षेत्र में तब्दील होने के आसार हैं। इसके बाद इस सिस्टम के और शक्तिशाली होकर तीव्र चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है। यह चक्रवाती तूफान तीन दिसंबर के आसपास तमिलनाडु के तट से टकरा सकता है। इसके प्रभाव से एक बार फिर हवाओं का रुख बदलेगा। इससे मप्र के मौसम का मिजाज भी कुछ बदलेगा। वातावरण में नमी बढऩे से बादल छाने लगेंगे। इससे रात के तापमान में बढ़ोतरी होगी और ठंड से कुछ राहत मिलेगी।
उत्तर भारत से आ रही बर्फीली हवाएं,मध्य प्रदेश में और तीखे होंगे ठंड के तेवर
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