लखनऊ,1500 करोड़ रुपये के लखनऊ के गोमती रिवरफ्रंट घोटाले में सिंचाई विभाग के पूर्व एक्सईएन रूप सिंह यादव और सीनियर असिस्टेंट राजकुमार यादव की रिमांड अवधि बढ़ गई है। सीबीआई ने पिछले दिनों दोनों को गिरफ्तार किया था। दोनों आरोपी 28 नवंबर तक सीबीआई की रिमांड पर रहेंगे। बता दें सीबीआई ने रूप सिंह यादव को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया वहीं सीनिरयर असिस्टेंट राजकुमार यादव को लखनऊ से गिरफ्तार किया है। दरअसल यूपी में सत्ता में आने के बाद योगी सरकार ने घोटाले की जांच के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस आलोक सिंह की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई थी। कमेटी ने घोटाले की रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। जिसके बाद रूप सिंह यादव समेत सिंचाई विभाग के कई इंजीनियर, ठेकेदारों के खिलाफ लखनऊ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। बाद में ये मामला सीबीआई को भेज दिया गया था। 24 नवंबर 2017 को सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी।
गौरतलब है कि गोमती रिवर फ्रंट के लिए सपा सरकार ने 1513 करोड़ स्वीकृत किए थे, जिसमें से 1437 करोड़ रुपये जारी होने के बाद भी मात्र 60 फीसदी काम ही हुआ। आरोप है कि डिफाल्टर कंपनी को ठेका देने के लिए टेंडर की शर्तों में बदलाव किया गया था। पूरे प्रोजेक्ट में करीब 800 टेंडर निकाले गए थे, जिसका अधिकार चीफ इंजीनियर को दे दिया गया था। मई 2017 में रिटायर्ड जज आलोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग से जांच कराई। जांच रिपोर्ट में कई खामियां उजागर हुईं। इसके बाद रिपोर्ट के आधार पर योगी सरकार ने सीबीआई जांच के लिए केंद्र को पत्र भेज दियाथा। मामले में 19 जून 2017 को गौतमपल्ली थाना में 8 के खिलाफ अपराधिक केस दर्ज किया गया था। यही नहीं मामले में दिसंबर 2017 में ही आईआईटी की टेक्निकल जांच भी की गई। इसके बाद सीबीआई जांच का आधार बनाते हुए मामले में ईडी ने भी केस दर्ज कर लिया। गोमती रिवर फ्रंट के निर्माण कार्य से जुड़ें इंजीनियरों पर दागी कम्पनियों को काम देने, विदेशों से मंहगा समान खरीदने, चैनलाइजेशन के कार्य में घोटाला करने, नेताओं और अधिकारियों के विदेश दौरे में फिजूलखर्ची करने सहित वित्तीय लेन देन में घोटाला करने और नक्शे के अनुसार कार्य नहीं कराने का आरोप है। इस मामले में 8 इजीनियरों के खिलाफ पुलिस, सीबीआई और ईडी मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही है। इनमें तत्कालीन चीफ इंजीनियर गोलेश चन्द्र गर्ग, एसएन शर्मा, काजिम अली, शिवमंगल सिंह, कमलेश्वर सिंह, रूप सिंह यादव, सुरेन्द्र यादव शामिल हैं। यह सभी सिंचाई विभाग के इंजीनियर हैं, जिन पर जांच चल रही है।